वैशाली : बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद यहां धड़ल्ले से शराब की तस्करी जारी है. उत्पाद विभाग ने वैशाली में दो तस्करों को गिरफ्तार किया तो एक बड़ा खुलासा सामने आया. दोनों तस्करों ने बताया कि रात के अंधेरे में नदी के रास्ते शराब ढोयी जाती है. राजधानी पटना के दियारा से शराब गंगा के रास्ते वैशाली के दियारा पहुंचती है. जहां उसे झाड़ियों में छिपाकर बेचा जाता है. दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्हें नाव से कार्टन उतारकर गाड़ियों में रखना होता है. उसके एवज में उन्हें 1000 रुपए तक दिए जाते हैं. ये काम करने में उन्हें लगभग 1 घंटे का समय लगता है.
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'सड़कों पर चौकसी नदी के रास्ते तस्करी' : वैशाली उत्पाद विभाग ने खुलासा किया है कि प्रदेश में सड़क मार्ग पर चौकसी बढ़ने के कारण नदी के रास्ते शराब की तस्करी होती है. रात में ही शराब की खेप पहुंचाई जाती है. सुबह तक उसे उतारकर दियारा क्षेत्र की झाड़ियों में छिपा दिया जाता है. या फिर बालू के नीचे गाड़ दिया जाता है.
"नाव से शराब की पेटी उतारक गाड़ी पर रख देते हैं. इसके लिए हमें ₹1000 मिलता है. 1 घंटे में यह काम हम कर देते हैं. दारू नाव के जरिए कहां से आती है यह नहीं पता है" - पप्पू कुमार, पकड़ा गया आरोपी
तस्करों का जाल वैशाली जिले के बिद्दुपुर थाना क्षेत्र, गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र, राघोपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर फैला है. जहां से शराब इन इलाकों में लायी जाती है. फिर उन्हें नाव से गाड़ियों पर लोड करके सप्लाई की जाती है. पकड़े गए धंधेबाज पप्पू कुमार ने बताया कि वो पेटियों को नाव से उतारकर गाड़ियों पर लोड करता था.
''विभाग को गुप्त सूचना मिल रही थी कि पानी के रास्ते नाव से शराब की खेत पहुंचाई जा रही है. जिसके आधार पर इनफॉर्मर को लगाया गया था. उसने सूचना दी थी कि देर रात शराब की खेत उतरने वाली हैं. सूचना के आधार पर ही मौके पर पहुंचकर उत्पाद विभाग के कर्मी और अधिकारी जंगल झाड़ में छिप गए थे. जैसे ही नाव आई और ट्रैक्टर पर लोड होने लगा वैसे ही विभाग ने कार्रवाई की.''- अजीत कुमार, उत्पाद इंस्पेक्टर