पटना: 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. इसके बावजूद भी शराब का अवैध व्यवसाय फल फूल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर डीजीपी तक कहते हैं कि शराब माफियाओं की सूचना पुलिस को दें. ताकि कार्रवाई की जाए. अरवल के रहने वाले एक शख्स ने शराब माफियाओं की सूचना पुलिस को दी तो उनके परिवार के साथ माफियाओं ने मारपीट की. अब पीड़ित पुलिस अधिकारियों के पास इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. और कोई सुनने तक को तैयार नहीं हैं.
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शराब माफियाओं की सूचना देनी पड़ी महंगी
दरअसल, 24 फरवरी को अरवल के रहने वाले देवचंद्र साव ने अपने घर के पास शराब का व्यवसाय करने वाले अपराधियों के बारे में पुलिस की सूचना दी. सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब, गांजा और हथियार बरामद किए थे. जिसके बाद शराब माफियाओं ने उनके और उनके परिवार वालों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया. वहीं, जब उन्होंने इसकी सूचना थाने में दी तो थाना प्रभारी की ओर से उनपर केस मैनेज कराने का जोर दिया जा ने लगा.
सरकार से लगाई मदद की गुहार
शराब माफियाओं की सूचना देने के बाद से देवचंद्र काफी परेशान हैं और राजधानी पटना में मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार को लेकर दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री हर सभा से कहते हैं कि शराब व्यवसायियों के बारे में गुप्त सूचना पुलिस को दी जाए, ताकि उन पर लगाम लगाई जा सके. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी तो शराब व्यवसायियों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ भी की है. देवचंद्र साव सीएम नीतीश और डीजीपी से मदद की गुहार लगाई है.