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सिविल सर्जन ऑफिस में स्ट्रीट फूड वेंडर्स को हाथों हाथ दिया गया लाइसेंस

पटना के सिविल सर्जन कार्यालय में खाद्य सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया गया. जिसके तहत ऐसे खाद्य विक्रेता जिनके पास एफएसएसएआई का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं है. उनका लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. सिविल सर्जन ऑफिस में काफी संख्या में लोग अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन कराने और खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस लेने पहुंचे हुए थे.

वेंडर्स
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Published : Mar 13, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 5:25 PM IST

पटना: खाद्य सुरक्षा विभाग अप्रैल महीने अब वैसे लोगों को कार्रवाई की तैयारी में है. जो बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री सड़कों किनारे या फिर दुकानों में बेच रहे हैं. कार्रवाई से पहले पटना सिविल सर्जन कार्यालय से ऐसे वेंडरों को लाइसेंस बांटा जा रहा है. लिहाजा सैकड़ों की संख्या में लोग लाइसेंस बनाने के लिए पहुंच रहे हैं.

पटना सिविल सर्जन कार्यालय में एक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत ऐसे खाद्य विक्रेता जिनके पास एफएसएसएआई का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं है. उनका लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. खाद्य कारोबारियों को अपने साथ अपना एक फोटो, आधार कार्ड और किरायानामा या जहां अपना ठेला लगाते हैं वहां का एड्रेस लेकर आना है.

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स्ट्रीट फूड वेंडर्स लाइसेंस दिया जा रहा है.

पढ़ें: विधान परिषद में उठा मधुबनी के पैक्स में घोटाले का मुद्दा, संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए मंत्री

लाइसेंस लेने के लिए लगी वेंडर्स की लंबी कतार
बता दें कि कि रजिस्ट्रेशन के लिए वेंडर्स को प्रति साल 100 रुपये तथा विक्रय के लिए लाइसेंस के तौर पर 2 हजार रुपये प्रति साल जमा कराना होता है. इसके अलावा जरूरी कागजात के साथ मोबाइल ई-मेल और ऑनलाइन पेमेंट का स्रोत भी लाना होता है. शनिवार के दिन सिविल सर्जन ऑफिस में काफी संख्या में लोग अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन कराने और खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस लेने पहुंचे हुए थे.

पढ़ें: बिहार विधानसभा में माननीयों ने किया मर्यादा को तार-तार, वेल में हुई हाथापाई

क्या कहते हैं स्ट्रीट फूड वेंडर्स सोनू कुमार
ऐसे ही एक युवक सोनू कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि यहां एक अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत उनका रजिस्ट्रेशन हाथों हाथ मिल रहा है. जिसके बाद वह अपने स्ट्रीट फूड स्टॉल चलाने का लाइसेंस बनवाने पहुंचे गए. उन्होंने बताया कि वह पहली बार अपना लाइसेंस बनवा रहे हैं और बोरिंग रोड चौराहा पर वह अपना स्टॉल लगाएं लगाए हुए हैं. सोनू ने बताया कि वाह फास्ट फूड बेंचता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्ट्रीट फूड बेचने का लाइसेंस बनवाने पहुंचे ऑडिटर साहू ने बताया कि वह स्ट्रीट फूड बेचते हैं और इसके लिए लाइसेंस बनवाने सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं.

पढ़ें: राजद विधायकों का राजभवन मार्च, बोले तेजस्वी- JDU और BJP का दफ्तर हो गया है विधानसभा

लाइसेंस नहीं करने पर होगी कार्रवाई, पांच लाख तक का आर्थिक दंड
पटना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि ऐसे खाद्य दुकानदार जिनके पास लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं है. उनकी सुविधा के लिए कैंप लगाकर उनके निबंधन और लाइसेंस का आवेदन लिया जा रहा है. वहीं, हाथों हाथ रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस उन्हें निर्गत किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सुबह के 2 घंटे में उन्होंने लगभग 10 लोगों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनाया है और अभी भी काफी संख्या में लोग कतार में खड़े हैं. ऐसे में उम्मीद है कि यह अभियान पूरा सफल होगा और काफी संख्या में स्ट्रीट फूड वेंडर्स यहां पहुंचकर स्ट्रीट फूड बेचने का लाइसेंस बनवाएंगे. उनके लिए उनका दुकान का रजिस्ट्रेशन और खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस होना अनिवार्य है. अन्यथा इसके लिए अधिकतम सीमा तक कारावास और पांच लाख तक के आर्थिक दंड का प्रावधान है.

पटना: खाद्य सुरक्षा विभाग अप्रैल महीने अब वैसे लोगों को कार्रवाई की तैयारी में है. जो बिना लाइसेंस खाद्य सामग्री सड़कों किनारे या फिर दुकानों में बेच रहे हैं. कार्रवाई से पहले पटना सिविल सर्जन कार्यालय से ऐसे वेंडरों को लाइसेंस बांटा जा रहा है. लिहाजा सैकड़ों की संख्या में लोग लाइसेंस बनाने के लिए पहुंच रहे हैं.

पटना सिविल सर्जन कार्यालय में एक अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत ऐसे खाद्य विक्रेता जिनके पास एफएसएसएआई का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं है. उनका लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. खाद्य कारोबारियों को अपने साथ अपना एक फोटो, आधार कार्ड और किरायानामा या जहां अपना ठेला लगाते हैं वहां का एड्रेस लेकर आना है.

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स्ट्रीट फूड वेंडर्स लाइसेंस दिया जा रहा है.

पढ़ें: विधान परिषद में उठा मधुबनी के पैक्स में घोटाले का मुद्दा, संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए मंत्री

लाइसेंस लेने के लिए लगी वेंडर्स की लंबी कतार
बता दें कि कि रजिस्ट्रेशन के लिए वेंडर्स को प्रति साल 100 रुपये तथा विक्रय के लिए लाइसेंस के तौर पर 2 हजार रुपये प्रति साल जमा कराना होता है. इसके अलावा जरूरी कागजात के साथ मोबाइल ई-मेल और ऑनलाइन पेमेंट का स्रोत भी लाना होता है. शनिवार के दिन सिविल सर्जन ऑफिस में काफी संख्या में लोग अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन कराने और खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस लेने पहुंचे हुए थे.

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क्या कहते हैं स्ट्रीट फूड वेंडर्स सोनू कुमार
ऐसे ही एक युवक सोनू कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि यहां एक अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत उनका रजिस्ट्रेशन हाथों हाथ मिल रहा है. जिसके बाद वह अपने स्ट्रीट फूड स्टॉल चलाने का लाइसेंस बनवाने पहुंचे गए. उन्होंने बताया कि वह पहली बार अपना लाइसेंस बनवा रहे हैं और बोरिंग रोड चौराहा पर वह अपना स्टॉल लगाएं लगाए हुए हैं. सोनू ने बताया कि वाह फास्ट फूड बेंचता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्ट्रीट फूड बेचने का लाइसेंस बनवाने पहुंचे ऑडिटर साहू ने बताया कि वह स्ट्रीट फूड बेचते हैं और इसके लिए लाइसेंस बनवाने सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं.

पढ़ें: राजद विधायकों का राजभवन मार्च, बोले तेजस्वी- JDU और BJP का दफ्तर हो गया है विधानसभा

लाइसेंस नहीं करने पर होगी कार्रवाई, पांच लाख तक का आर्थिक दंड
पटना के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि ऐसे खाद्य दुकानदार जिनके पास लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं है. उनकी सुविधा के लिए कैंप लगाकर उनके निबंधन और लाइसेंस का आवेदन लिया जा रहा है. वहीं, हाथों हाथ रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस उन्हें निर्गत किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सुबह के 2 घंटे में उन्होंने लगभग 10 लोगों का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनाया है और अभी भी काफी संख्या में लोग कतार में खड़े हैं. ऐसे में उम्मीद है कि यह अभियान पूरा सफल होगा और काफी संख्या में स्ट्रीट फूड वेंडर्स यहां पहुंचकर स्ट्रीट फूड बेचने का लाइसेंस बनवाएंगे. उनके लिए उनका दुकान का रजिस्ट्रेशन और खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस होना अनिवार्य है. अन्यथा इसके लिए अधिकतम सीमा तक कारावास और पांच लाख तक के आर्थिक दंड का प्रावधान है.

Last Updated : Mar 13, 2021, 5:25 PM IST
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