पटना: वामपंथी दलों ने प्रवासी मजदूरों से घर भेजने के एवज में पैसा वसूलने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए मंगलवार को प्रतिरोध दिवस मनाया. उन्होंने पीएम केअर फंड से सभी मजदूरों को घर पहुंचाने की मांग के साथ-साथ लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए अपने- अपने कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना दिया.
पटना में सीपीआईएम कार्यालय के बाहर शारीरिक दूरी बनाते हुए वामदल के कई नेताओं नें मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया. उन्होंने पीएम केअर फंड से सभी मजदूरों को घर पहुंचाने, मजदूरों को 10 हजार रुपया गुजारा भत्ता देने, भूखमरी से मरे मजदूरों को 20 लाख का मुआवजा देने, बिना कार्ड वालों सहित सभी मजदूरों को 3 महीने का राशन और काम की गारंटी देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सहमत हुई है. पहले सरकार मजदूरों से भाड़ा वसूल रही थी, फिर भारी विरोध के चलते सरकार ने पुनः भाड़ा देने की घोषणा की है. लेकिन सरकार इसपर कितना अमल करती है, इसपर संदेह है.
पैसे का दुरुपयोग कर रही सरकार
प्रतिरोध दिवस मना रहे नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार ने किराया देने से इनकार करते हुए इसे मजदूरों से वसूलने की घोषणा की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम केयर फंड में करोड़ों-अरबों रुपए जमा हैं लेकिन प्रधान मंत्री मोदी इसे मजदूरों पर खर्च करना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सेना के विमान से अस्पताल आदि जगहों पर फूल बरसाने जैसे शो-बाजी के कार्यक्रम से देश के धन का दुरुपयोग कर रही है. यह घोर निंदनीय है.