पटना: बिहार में रामचरितमानस विवाद के बाद महागठबंधन नेताओं के बयानबाजी से नीतीश सरकार का भविष्य अधर में पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसी बीच जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का बड़ा बयान (JDU Leader Vashisth Narayan Singh) सामने आया है कि नेताओं को बयानबाजी से बचकर बिहार के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने महागठबंधन के बयानवीर नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि सभी नेताओं को बयानबाजी से बचकर बिहार के विकास पर ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही इस ओर काम भी करना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयानवाजी से सरकार के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
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जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह की नसीहत: सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि किसी भी प्रकार के बयानबाजी से सभी लोगों को बचना चाहिए और महागठबंधन ने जो बिहार के विकास का लक्ष्य रखा है. उसके लिए सभी को मिलजुलकर पूरा करने के लिए काम करना चाहिए. ताकि सरकार के द्वारा गरीबों की सेवा करने का लक्ष्य पूरा हो पाए. जबकि कई बीजेपी नेताओं ने यहां तक भविष्यवाणी करते नजर आ रहे थे कि महागठबंधन की सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है. इसपर जदयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा बीजेपी मुगालते में रहती है और जानबूझकर ऐसी बात करती है जिसका कोई आधार नहीं है.
रामचरितमानस वाले बयान पर बोलने से बचें: उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में ठीक से काम कर रही है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अच्छे से इस बात पर अपना पक्ष रखा है. इसलिए बीजेपी के बयानों का सरकार के सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. इधर, वशिष्ठ नारायण सिंह से रामचरितमानस वाले मुद्दे पर सवाल किया गया तब उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते हुए दिखाई दिए. इनके साथ ही उधर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी बोलने से इंकार कर दिया है.
तेजस्वी के बयान से नेताओं में राहत: इस तरह के सारे मामलों की अगर बात करें तो वरिष्ठ नेताओं की ओर से महागठबंधन पर कुछ भी बोला नहीं जा रहा है. हालांकि इसके पहले सुधाकर सिंह ने जिस प्रकार से बयान दिया था, उसके बाद जदयू की मांग थी कि आरजेडी कार्रवाई करे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं बाद में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने जिस प्रकार से बयान दिया उससे भी जदयू अपने को असहज पा रही है. जबकि कुछ भी बोल नहीं पा रही है. वहीं दूसरी ओर प्रोफेसर चंद्रशेखर अभी तक अपने बयान पर कायम है. जबकि जदयू की तरफ से मांग है कि शिक्षा मंत्री अपना बयान वापस लें. वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बयान से जदयू नेताओं को राहत जरूर मिली है. हालांकि जब तक कोई कार्रवाई नहीं होती तब तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद कम है.
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