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'लालू के साथ जो गया उसको बर्बाद होना ही था', विजय सिन्हा का ललन सिंह के इस्तीफे पर तंज

ललन सिंह का राष्ट्रीय पद से इस्तीफे खबर पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है इसको वही बता पाएंगे. अन्य मुद्दों पर भी विजय सिन्हा ने अपने बेबाक अंदाज में नीतीश कुमार और लालू यादव की पार्टी पर हमला किया.

Vijay Sinha on Lalan Singh resignation
Vijay Sinha on Lalan Singh resignation
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 29, 2023, 5:31 PM IST

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा से खास बातचीत

पटना : दिल्ली में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पार्टी की कमान संभाल ली है. जदयू में मचे हलचल पर सहयोगी दलों के साथ बिहार के विरोधी दल भाजपा की भी नजर है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बातचीत में कहा ललन सिंह को पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था. हमें भी अफसोस है क्योंकि हमारे क्षेत्र के ही सांसद हैं. वहां की जनता को भी अफसोस है. लालू जी के संगत में जो गया उसका बर्बाद होना तय है.

ललन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि ललन बाबू ने क्यों इस्तीफा दिया यह तो वही बता सकते हैं, या फिर नीतीश कुमार. लेकिन जिस व्यक्ति पर पार्टी और नेता का विश्वास नहीं रहे उस व्यक्ति को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. जिस प्रकार से विदाई की गई है हमें भी अफसोस है. वहां की जनता को भी अफसोस है. आखिर जब माहौल इस तरह का था तो ललन सिंह फिर पद पर बने रहने के लिए बेचैन क्यों थे. ललन सिंह ने एक दिन पहले कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. बीजेपी साजिश कर खबर चला रही है. इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि बीजेपी कभी साजिश नहीं करती है.


क्याा लालू जी से नजदीकियां ललन सिंह पर भारी पड़ी? विजय सिन्हा ने कहा कि लालू जी की संगति में जो भी गया वह बर्बाद हो गया. बिहार को लालू जी के जिम्मे में सौंपा गया. बिहार को उन्होंने बर्बाद कर दिया. वह जदयू को बर्बाद करने में लगे थे, किसी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बर्बाद कर दिया, इससे अधिक बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है.


तेजस्वी यादव का ऑस्ट्रेलिया दौरा क्यों रद्द हो गया? इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि उत्तराधिकारी थे तेजस्वी यादव. लालू प्रसाद यादव को पता है कि उनका बेटा जनादेश को प्राप्त करके कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है. बिहार की जनता ने राजद को 22 सीटों पर समेट दिया था. उस राजद को जिंदा किसने किया? राजद की सरकार बनाने का संकल्प कौन पूरा कर रहे थे. बिहार की जनता देख रही है.
क्या बिहार सरकार पर जदयू में लिए गए फैसले का असर होगा? विजय सिन्हा ने कहा ''सरकार पर असर होगा या जनता का सरकार पर असर होगा ये तो वक्त बताएगा.''


क्या नीतीश कुमार की फिर से बीजेपी में एंट्री हो सकती है? इस सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि ''स्टेट यूनिट यह फैसला लेने में क्या सक्षम है? बिहार नेतृत्व किसी को एंट्री कर सकता है या बाहर कर सकता है क्या, बीजेपी कोई वंश या जाति की पार्टी नहीं है यहां सामूहिक रूप से फैसला होता है.''

जदयू की कमान फिर से संभालने के फैसले के बाद यह चर्चा बिहार में जोर पकड़ रही है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं. इसके कारण सहयोगी दालों में भी बेचैनी है. इसे भाजपा प्रदेश के नेता लगातार कह रहे थे कि बीजेपी में नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद हो चुके हैं, लेकिन विजय सिन्हा इस मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं.

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ललन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि ललन बाबू ने क्यों इस्तीफा दिया यह तो वही बता सकते हैं, या फिर नीतीश कुमार. लेकिन जिस व्यक्ति पर पार्टी और नेता का विश्वास नहीं रहे उस व्यक्ति को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. जिस प्रकार से विदाई की गई है हमें भी अफसोस है. वहां की जनता को भी अफसोस है. आखिर जब माहौल इस तरह का था तो ललन सिंह फिर पद पर बने रहने के लिए बेचैन क्यों थे. ललन सिंह ने एक दिन पहले कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. बीजेपी साजिश कर खबर चला रही है. इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि बीजेपी कभी साजिश नहीं करती है.


क्याा लालू जी से नजदीकियां ललन सिंह पर भारी पड़ी? विजय सिन्हा ने कहा कि लालू जी की संगति में जो भी गया वह बर्बाद हो गया. बिहार को लालू जी के जिम्मे में सौंपा गया. बिहार को उन्होंने बर्बाद कर दिया. वह जदयू को बर्बाद करने में लगे थे, किसी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बर्बाद कर दिया, इससे अधिक बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है.


तेजस्वी यादव का ऑस्ट्रेलिया दौरा क्यों रद्द हो गया? इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि उत्तराधिकारी थे तेजस्वी यादव. लालू प्रसाद यादव को पता है कि उनका बेटा जनादेश को प्राप्त करके कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है. बिहार की जनता ने राजद को 22 सीटों पर समेट दिया था. उस राजद को जिंदा किसने किया? राजद की सरकार बनाने का संकल्प कौन पूरा कर रहे थे. बिहार की जनता देख रही है.
क्या बिहार सरकार पर जदयू में लिए गए फैसले का असर होगा? विजय सिन्हा ने कहा ''सरकार पर असर होगा या जनता का सरकार पर असर होगा ये तो वक्त बताएगा.''


क्या नीतीश कुमार की फिर से बीजेपी में एंट्री हो सकती है? इस सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि ''स्टेट यूनिट यह फैसला लेने में क्या सक्षम है? बिहार नेतृत्व किसी को एंट्री कर सकता है या बाहर कर सकता है क्या, बीजेपी कोई वंश या जाति की पार्टी नहीं है यहां सामूहिक रूप से फैसला होता है.''

जदयू की कमान फिर से संभालने के फैसले के बाद यह चर्चा बिहार में जोर पकड़ रही है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं. इसके कारण सहयोगी दालों में भी बेचैनी है. इसे भाजपा प्रदेश के नेता लगातार कह रहे थे कि बीजेपी में नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद हो चुके हैं, लेकिन विजय सिन्हा इस मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं.

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