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'तुम लोग शराबी हो गए हो' : विजय सिन्हा बोले- 'विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं नीतीश सरकार'

Bihar Politics नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से बड़ी मांग कर दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार विधानसभा के गेट पर विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं. ब्लड टेस्ट के बाद नीतीश कुमार को पता चल जाएगा कि उनके आसपास रहने वाले कितने नेता शराबी हैं. पढ़ें पूरी खबर

विजय सिन्हा की नीतीश सरकार से मांग
विजय सिन्हा की नीतीश सरकार से मांग
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Published : Dec 19, 2022, 5:09 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha) ने राज्य के प्रत्येक विधायक के ब्लड टेस्ट कराने की मांग की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन-कौन शराब पीता है. विजय कुमार सिन्हा ने विधायकों के ब्लड टेस्ट की मांग (Vijay Sinha demands blood test of MLA) ऐसे समय में कि गई है, जब नीतीश सरकार ने सारण शराब त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है.

ये भी पढ़ें: 'छपरा में जहरीली शराब से 38 लोगों की मौत, कोई शक'.. बोले नीतीश के मंत्री

'विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं नीतीश सरकार': नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हम राज्य सरकार से विधानसभा के गेट पर हर विधायक का ब्लड टेस्ट कराने की मांग करते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार को घेरने वाले कितने नेता शराब पीते हैं. उन्होंने कहा है कि सारण जहरीली शराब कांड के बाद बिहार की जनता के सामने नीतीश कुमार सरकार का घिनौना चेहरा सामने आया है. प्रावधान के मुताबिक राज्य सरकार को मृतक के परिजनों को मुआवजा देना है. ऐसा करने के बजाय मौजूदा महाप्रबंधक गठबंधन सरकार संवेदना तक नहीं व्यक्त कर रही है.

''राज्य सरकार ने साल 2016 में गोपालगंज में खजूरबानी शराब त्रासदी के दौरान मुआवजा प्रदान किया था. उस दौरान सरकार ने मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये दिए थे. जब पहले मुआवजा दिया था तो अब क्यों नहीं दिया जा रहा?.'' - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

'मृतक के परिजनों का क्या दोष है?' : विजय सिन्हा ने कहा कि, सारण में मृतक के परिजनों का क्या दोष (Chhapra Hooch Tragedy) है? सभी मृतक गरीब, दलित और दिहाड़ी मजदूर हैं. अगर नीतीश कुमार सरकार उदासीन हो जाती है, तो वे कैसे बच पाएंगे? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सारण त्रासदी में मरने वालों की संख्या राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. उन्होंने आरोप लगया कि स्थानीय प्राधिकरण ने परिवार के सदस्यों पर दबाव डाला और बिना पोस्टमार्टम के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, सारण में जहरीली शराब के पीने से मारने वालों की संख्या 73 हो चुकी है.

'तुम लोग शराबी हो गए हो': बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में शराब से हुई मौत के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए थे. दरअसल, छपरा में जहरीली शराब से मौत (Bihar Hooch Tragedy) के सवाल पर बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी कर रहे थे. इसपर नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गए और चिल्लाकर लगे, 'तुम (BJP) लोग गंदा काम कर रहे हो. सबको भगाओ यहां से. अब तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तुम लोग शराबी हो गए हो. अब टॉलरेट नहीं किया जाएगा. तुम लोग पूरे बिहार में गंदा काम कर रहे हो. पहले क्या बोलते थे, अगर नहीं संभले तो काफी बुरा हो जाएगा. तुम लोग शराब के पक्ष में हो गए. जो लोग गंदा शराब पीकर मर रहे हैं उनके पक्ष में हो गए हो. मैं तो कुछ नहीं बोलता था, अब मैं और अभियान चलाऊंगा.'

पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha) ने राज्य के प्रत्येक विधायक के ब्लड टेस्ट कराने की मांग की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन-कौन शराब पीता है. विजय कुमार सिन्हा ने विधायकों के ब्लड टेस्ट की मांग (Vijay Sinha demands blood test of MLA) ऐसे समय में कि गई है, जब नीतीश सरकार ने सारण शराब त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है.

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'विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं नीतीश सरकार': नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हम राज्य सरकार से विधानसभा के गेट पर हर विधायक का ब्लड टेस्ट कराने की मांग करते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार को घेरने वाले कितने नेता शराब पीते हैं. उन्होंने कहा है कि सारण जहरीली शराब कांड के बाद बिहार की जनता के सामने नीतीश कुमार सरकार का घिनौना चेहरा सामने आया है. प्रावधान के मुताबिक राज्य सरकार को मृतक के परिजनों को मुआवजा देना है. ऐसा करने के बजाय मौजूदा महाप्रबंधक गठबंधन सरकार संवेदना तक नहीं व्यक्त कर रही है.

''राज्य सरकार ने साल 2016 में गोपालगंज में खजूरबानी शराब त्रासदी के दौरान मुआवजा प्रदान किया था. उस दौरान सरकार ने मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये दिए थे. जब पहले मुआवजा दिया था तो अब क्यों नहीं दिया जा रहा?.'' - विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

'मृतक के परिजनों का क्या दोष है?' : विजय सिन्हा ने कहा कि, सारण में मृतक के परिजनों का क्या दोष (Chhapra Hooch Tragedy) है? सभी मृतक गरीब, दलित और दिहाड़ी मजदूर हैं. अगर नीतीश कुमार सरकार उदासीन हो जाती है, तो वे कैसे बच पाएंगे? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सारण त्रासदी में मरने वालों की संख्या राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. उन्होंने आरोप लगया कि स्थानीय प्राधिकरण ने परिवार के सदस्यों पर दबाव डाला और बिना पोस्टमार्टम के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, सारण में जहरीली शराब के पीने से मारने वालों की संख्या 73 हो चुकी है.

'तुम लोग शराबी हो गए हो': बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में शराब से हुई मौत के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए थे. दरअसल, छपरा में जहरीली शराब से मौत (Bihar Hooch Tragedy) के सवाल पर बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी कर रहे थे. इसपर नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गए और चिल्लाकर लगे, 'तुम (BJP) लोग गंदा काम कर रहे हो. सबको भगाओ यहां से. अब तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तुम लोग शराबी हो गए हो. अब टॉलरेट नहीं किया जाएगा. तुम लोग पूरे बिहार में गंदा काम कर रहे हो. पहले क्या बोलते थे, अगर नहीं संभले तो काफी बुरा हो जाएगा. तुम लोग शराब के पक्ष में हो गए. जो लोग गंदा शराब पीकर मर रहे हैं उनके पक्ष में हो गए हो. मैं तो कुछ नहीं बोलता था, अब मैं और अभियान चलाऊंगा.'

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