पटना: भोजपुर में मुख्यमंत्री नीतीश समाधान यात्रा पर हैं, आज वो आरा में रहेंगे और उसको लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री समाधान यात्रा पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. साथ ही उन्होंने निशाना साधा कि उनकी इस यात्रा से कहीं कोई समस्या का समाधान नहीं करते हैं. आरा में बालू माफिया का खेल जारी है. पूरा शहर बदहाल है. मुख्यमंत्री इसका भी समाधान अगर करते तो अच्छा होता. उन्होंने कहा की आरा में मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई थी, अभी तक कार्य नहीं शुरू हुए. मुख्यमंत्री क्या उसका समीक्षा करेंगे? वो तो कर नहीं सकते, फिर किस तरह को समाधान यात्रा ?
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'आरा में बालू के संघर्ष में दर्जनों हत्याएं': नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बालू को लेकर बढ़ते संघर्ष को लेकर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बालू के संघर्ष में आरा-भोजपुर में दर्जनों हत्याएं हुईं. दोषियों पर कारवाई हुई की नहीं, क्या उसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा करेंगे? क्या इन सब मुद्दे पर वो चुप्पी साधे रहेंगे? साथ ही अपने यात्रा को समाधान यात्रा भी कहते रहेंगे?
''समाधान यात्रा पर जो खर्च होता है वो जनता की गाढ़ी कमाई होती है. हर दिन की यात्रा पर हर जिले के अंदर एक से 2 करोड़ रुपए का खर्च आता है. जबकि इस यात्रा की उपलब्धि शून्य दिखाई पड़ रही है. ये राजद के प्रदेश अध्यक्ष भी कह चुके हैं कि अगर उपलब्धि होती तो दोबारा यात्रा निकालने की जरूरत नहीं पड़ती. सीएम को इस यात्राओं पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. ताकि जनता को उपलब्धि और खर्च का ब्यौरा मिल सके.'' - विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
'समाधान यात्रा पर जारी करें श्वेत पत्र' : विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री को समाधान यात्रा करने में करोड़ों का खर्च है. यह सब सरकारी राशि है. हम मांग करेंगे कि मुख्यमंत्री को समाधान यात्रा पर श्वेत पत्र जारी करें. ताकि खर्च किए गए राशि का ब्यौरा जनता को मिल सके. जब उनके यात्रा से आम जनता को कहीं कोई फायदा नहीं है, तो फिर सरकारी राशि का दुरुपयोग वह क्यों कर रहे हैं. जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग करना ठीक नहीं है. अगर उन्हें लगता है कि उनकी यात्रा से जनता को कहीं कोई फायदा हो रहा है. साथ ही जो राशि वह अपनी यात्रा में खर्च कर रहे हैं वह सरकारी है और उस राशि के बारे में उन्हें श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.
क्या होता है श्वेत पत्र? : श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में नतीजों का सारांश होता है जो कि सर्वेक्षण या अध्ययन पर आधारित होता है. एक श्वेत पत्र किसी भी विषय पर जारी हो सकता है. इसे सरकार के अलावा किसी भी संस्था, कंपनी, ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जारी किया जा सकता है. यह हमेशा बेहतर बनाने का सुझाव देता है. आमतौर पर सरकार द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई या कम से कम एक निष्कर्ष के लिए प्रकाशित किया जाता है.