पटना: राजस्व और भूमि सुधार विभाग (Land and Revenue Reforms Department) बड़ी पहल कर रहा है. इसके तहत विभाग अपने कर्मचारी स्तर तक के कर्मियों को लैपटॉप देने और प्रशिक्षण देने की कवायद कर (Reform In Land And Revenue Reform Department) रहा है. यह प्रक्रिया आने वाले 6 महीने में पूरी हो जाएगी. राज्य में पदस्थापित 478 आरओ यानी रेवेन्यू ऑफिसर म्यूटेशन, आरटीपीएस और जमाबंदी जैसे कार्यों को पूरा करते हैं. हाल के कुछ दिनों में भूमि और राजस्व सुधार विभाग ने अपने कार्यों के पूरा की जाने की समय सीमा को भी तय किया था. साथ ही साथ डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया था.
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भूमि और राजस्व सुधार विभाग में सुधार की कवायद : राजस्व अधिकारियों को अपने कार्य को पूरा करने में वक्त लग रहा था. क्योंकि इनके पास विभागीय स्तर पर उन्नत रूप से तकनीकी सेवाएं प्रदान नहीं की गई थी. विभागीय स्तर पर यह भी सूचना प्राप्त हुई थी कि लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप उपलब्ध नहीं होने के कारण राजस्व अधिकारियों को विशेष रूप से म्यूटेशन जैसे कार्यों को पूरा करने में वक्त लग रहा था. जिसके बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है. आने वाले दिनों में विभाग कर्मचारी स्तर तक लैपटॉप देने की योजना बना रही है. ताकि इंट्री में किसी तरह का कंजेशन नहीं हो. वहीं, आरओ को वाहन सुविधा देने की बात पर भूमि और राजस्व सुधार विभाग मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि वो अभी मैं देख लूंगा, उसे मैंने देखा नहीं है. मेरे सामने अभी इस तरह की बात नहीं आई है. जब ऐसी बात आएगी तो मैं देखूंगा.
'लैपटॉप और ट्रेनिंग देंगे तो छह माह का वक्त लगेगा. विभाग इन सभी को ट्रेनिंग भी देगा. आने वाले दिनों में कोई भारी जिम्मेदारी लेने की भी जरूरत नहीं होगी कि एक ही आदमी एंट्री कर रहा है. अगर कंजेशन दूर नहीं हुआ तो इसकी जिम्मेदारी भी बांटी जाएगी. मैंने विभाग को निर्देश दिया है कि बैकलॉग को जल्द से जल्द निपटाया जाए और वास्तविक स्थिति में लाया जाए. ताकि आम जनता को किसी तरह की परेशानी न हो. चार-पांच माह के अंदर सुधार नहीं हुआ तो और स्टेप उठाया जाएगा.' - आलोक मेहता, मंत्री, भूमि और राजस्व सुधार विभाग