पटनाः राज्यसभा चुनाव को लेकर जेडीयू के अंदर माथापच्ची जारी है. जदयू के राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर अब तक सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि सब कुछ सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के फैसले पर टिका है लेकिन पार्टी के अंदर हो रही बैठकों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी का कोई भी बड़ा नेता अपनी तरफ से कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh On JDU Rajya Sabha Candidate) ने एक बार फिर यही कहा कि 'मुख्यमंत्री जब फैसला लेंगे तब आप लोग को बता दिया जाएगा'. ऐसे में अब नीतीश कुमार क्या फैसला लेते हैं, इस पर सबकी नजर टिकी हुई है.
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आरसीपी को लेकर एक राय नहीं: दरअसल गुरुवार को मुख्यमंत्री के साथ आरसीपी सिंह और ललन सिंह की बैठक थी. इसके के बाद भी राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं पाया. वहीं, शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच बातचीत भी हुई. जिसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह सामान्य मुलाकात थी. वहीं जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब फैसला लेंगे तब आप लोगों को बता दिया जाएगा. यानि कुल मिलाकर पार्टी के अंदर से यही एक जवाब निकलकर सामने आ रहा है, कि जब सीएम फैसला लेंगे तभी कुछ पता चल पाएगा. फिलहाल जेडीयू के राज्यसभा उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगती नजर नहीं आ रही है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच अभी भी छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है.
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31 मई तक नॉमिनेशन: मुख्यमंत्री के साथ ललन सिंह और आरसीपी सिंह की हुई बैठक के बाद ऐसी चर्चा है कि यह बैठक पैचअप करने के लिए हुई थी. अब सबकी नजर मुख्यमंत्री के फैसले पर लगी है. देखना है कि आरसीपी सिंह के नाम पर मुहर लगती है या नहीं या फिर नीतीश कुमार चौंकाने वाला फैसला लेते हैं. उपेंद्र कुशवाहा तो पहले ही कह चुके है कि 31 मई तक नॉमिनेशन का समय है. पार्टी समय पर उम्मीदवार का फैसला लेगी. यानि नीतीश कुमार अंतिम दिन तक पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार पर विचार करना चाहते हैं. सीएम के लिए भी फैसला लेना आसान नहीं है , क्योंकि उधर आरसीपी सिंह भी अपने समर्थन जुटाने में लगे हैं. अगर उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिलता तो पार्टी के अंदर दराj पड़ना निश्चित है और नीतीश कुमार अपनी पार्टी के लिए कोई रिस्क लेना नहीं चाहते. शायद यही वजह है कि उन्हें फैसले लेने में देर लग रही है.
10 जून को चुनाव: आपको बता दें कि बिहार समेत पंद्रह राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों (5 सीट बिहार की) के लिए 10 जून को चुनाव होंगे. जून और अगस्त महीने के बीच इन सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. चुनाव के लिए नोमिनेशन की आखिरी तारीख 31 मई है. बिहार की 5 सीटों में दो बीजेपी, दो आरजेडी और 1 जेडीयू के पास है. जिसमें आरजेडी ने अपने दोनों उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, यहां मीसा भारती और फैयाज अहमद का नाम पर मुहर लगी है. वहीं बीजेपी और जेडीयू में उम्मीदवारी के लेकर अभी बैठकें ही चल रही हैं. सबसे ज्यादा उहापोह की स्थिति जेडीयू में है. जेडीयू में नाम की घोषणा के लिए सब ने नीतीश कुमार को ही अधिकृत किया है. अब तो वक्त ही बताएगा की नीतीश अपनी पार्टी में किस पर भरोसा जताते हैं.
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