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JDU में विलय के बाद CM से मिले ललन पासवान, कहा- शर्तों पर काम नहीं करता

ललन पासवान ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमलोग जिसे समाप्त करने चले थे, उसे जनता ने ही समाप्त कर दिया.

ललन पासवान
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Published : May 28, 2019, 6:11 PM IST

पटना: रालोसपा छोड़ जदयू में शामिल होने के बाद विधायक ललन पासवान मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. उन्होंने सीएम आवास में मुलाकात की. मालूम हो कि रालोसपा के बागी विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर साथ विधान पार्षद संजीव श्याम ने एक अलग गुट बना लिया था. तीनों का पिछले 2 दिन पहले ही जदयू में विलय हुआ है.

उपेंद्र कुशवाहा पर किया कटाक्ष
काफी समय से ललन गुट से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा होती रही है. लेकिन, ललन पासवान ने कहा कि वह शर्तों पर कोई काम नहीं करते हैं. नीतीश कुमार पहले भी उनके नेता थे, अब भी हैं. मौके पर ललन पासवान ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमलोग जिसे समाप्त करने चले थे, उसे जनता ने ही समाप्त कर दिया. वह जिस डाली पर खड़े थे, उसी को काट रहे थे. जनता ने उन्हें सबक सीखा दिया.

ललन पासवान का बयान

इस साल चुनाव भी लड़ना चाहते थे पासवान
बता दें कि ललन पासवान, संजीव श्याम और सुधांशु शेखर रालोसपा से बागी होने के बाद लगातार नीतीश कुमार से मिलते रहे हैं. इस मुलाकात पर ललन पासवान ने कहा कि विलय के बाद हम लोग शिष्टाचार से मुलाकात करने गए थे. ललन पासवान लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे और इसलिए जदयू के साथ बीजेपी नेताओं के भी संपर्क में थे. लेकिन, इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला.

रालोसपा का पत्ता साफ
मालूम हो कि तीनों नेताओं के जदयू में विलय के साथ अब दोनों सदनों में रालोसपा का एक भी सदस्य अब नहीं बचा है. वहीं, इस लोकसभा चुनाव में भी रालोसपा का खाता तक नहीं खुला. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा काराकाट और उजियारपुर दो स्थानों से चुनाव लड़े थे. दोनों ही जगह उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.

पटना: रालोसपा छोड़ जदयू में शामिल होने के बाद विधायक ललन पासवान मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे. उन्होंने सीएम आवास में मुलाकात की. मालूम हो कि रालोसपा के बागी विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर साथ विधान पार्षद संजीव श्याम ने एक अलग गुट बना लिया था. तीनों का पिछले 2 दिन पहले ही जदयू में विलय हुआ है.

उपेंद्र कुशवाहा पर किया कटाक्ष
काफी समय से ललन गुट से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा होती रही है. लेकिन, ललन पासवान ने कहा कि वह शर्तों पर कोई काम नहीं करते हैं. नीतीश कुमार पहले भी उनके नेता थे, अब भी हैं. मौके पर ललन पासवान ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमलोग जिसे समाप्त करने चले थे, उसे जनता ने ही समाप्त कर दिया. वह जिस डाली पर खड़े थे, उसी को काट रहे थे. जनता ने उन्हें सबक सीखा दिया.

ललन पासवान का बयान

इस साल चुनाव भी लड़ना चाहते थे पासवान
बता दें कि ललन पासवान, संजीव श्याम और सुधांशु शेखर रालोसपा से बागी होने के बाद लगातार नीतीश कुमार से मिलते रहे हैं. इस मुलाकात पर ललन पासवान ने कहा कि विलय के बाद हम लोग शिष्टाचार से मुलाकात करने गए थे. ललन पासवान लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे और इसलिए जदयू के साथ बीजेपी नेताओं के भी संपर्क में थे. लेकिन, इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला.

रालोसपा का पत्ता साफ
मालूम हो कि तीनों नेताओं के जदयू में विलय के साथ अब दोनों सदनों में रालोसपा का एक भी सदस्य अब नहीं बचा है. वहीं, इस लोकसभा चुनाव में भी रालोसपा का खाता तक नहीं खुला. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा काराकाट और उजियारपुर दो स्थानों से चुनाव लड़े थे. दोनों ही जगह उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.

Intro:पटना-- ललन गुट आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएम आवास में मुलाकात की। रालोसपा के बागी विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर साथ विधान पार्षद संजीव श्याम ने एक अलग गुट बना लिया था तीनों की पिछले 2 दिन पहले जदयू में विलय हो चुका है। बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार भी होगा और काफी समय से लल्लन गुट से किसी एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा होती रही है लेकिन ललन पासवान ने कहा कि हम लोग शर्तों पर कोई काम नहीं करते हैं नीतीश कुमार पहले भी हमारे नेता थे । ललन पासवान ने उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हम लोग जिसे समाप्त करने चले थे उसे जनता ने ही समाप्त कर दिया क्योंकि जिस डाली पर खड़े थे उसी को काटने का काम उन्होंने किया है।


Body:ललन पासवान और सुधांशु शेखर पहले भी नीतीश कुमार से मिलते रहे हैं जब रालोसपा के बागी थे लेकिन अब दोनों जदयू के विधायक हो चुके हैं साथ ही विधान पार्षद संजीव श्याम भी जदयू के विधान पार्षद हो चुके हैं ललन पासवान ने कहा कि विलय के बाद हम लोग शिष्टाचार मुलाकात करने गए थे।


Conclusion: ललन पासवान लोकसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे और इसलिए जदयू के साथ बीजेपी नेताओं के भी संपर्क में थे लेकिन इस बार टिकट नहीं मिला।
रालोसपा के दो विधायक और एक विधान पार्षद के जदयू में शामिल होने के बाद दोनों सदनों में रालोसपा का एक भी सदस्य अब नहीं बचा है । वही लोकसभा चुनाव में भी रालोसपा का खाता तक नहीं खुला उपेंद्र कुशवाहा काराकाट उजियारपुर दो स्थानों से चुनाव लड़े थे दोनों जगह बुरी तरह से हार गए।
बाईट--ललन पासवान,जदयू विधायक।
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