पटना (दानापुर): दीपावली शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन संस्कृति का त्यौहार है. यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. दीपावली (Diwali) भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. दीपों का त्यौहार आध्यात्मिक रूप से 'अंधकार पर प्रकाश की जीत' को दर्शाता है. जिसको लेकर अभी से ही बाजार में तैयारियां शुरू हो गयी है.
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मान्यता है कि दीपावली के रोज घर में छोटे-छोटे ढेरों घरौंदें बनाकर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और मिट्टी के बर्तन में चावल का फरही, बुंदिया और सबसे शुद्ध माने जाने वाले चीनी के बने हाथी घोड़े को मां लक्ष्मी के भोग के रूप में चढ़ाया जाता है. इसको लेकर आज से ही बाजार में हाथी-घोड़े की मिठाई बनना शुरू हो गया है. दुकानदार मिठाई के खिलौने बना रहे हैं.
इस मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले चीनी को गर्म किया जाता है. गर्म होने के बाद उसमें हर तरह के रंग को डालकर रंग बिरंगी हाथी घोड़े की मिठाई का निर्माण किया जाता है. दुकानदार बताते हैं कि दिवाली के दिन इस मिठाई के खिलौने को मां लक्ष्मी को चढ़ाया जाता है. जिसको लेकर मार्केट में इस मिठाई की मांग काफी बढ़ जाती है. इसी के चलते हम लोग इस मिठाई को बनाते हैं.
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