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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को लेकर क्या है सरकार का प्लान? श्रम मंत्री ने बताया - ETV Bharat News

कोरोना के पहली, दूसरी के बाद अब तिसरी लहर शुरू हो गयी है. इसको देखते हुए बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा है कि जो भी प्रवासी मजदूर बिहार आएंगे, उनको रोजगार (Migrant laborers returning to Bihar will get employment) दिया जाएगा. पढ़िये पूरी खबर.

Jivesh Mishra labour minister bihar
बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा
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Published : Jan 4, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली/पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में बिहार से बाहर रहने वाले लोगों के एक बार फिर से वापस अपने प्रदेश आने की संभावना है. जिसको लेकर बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resource Minister Jivesh Mishra) ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रवासी मजदूर लौटकर अपने राज्य आएंगे तो उनको रोजगार दी जाएगी.

ये भी पढ़ें:बोले जीवेश मिश्रा- बिहार में 19 लाख रोजगार का लक्ष्य जरूर होगा पूरा

सरकार की ओर से रोजगार की व्यवस्था की जा रही है. विभाग के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है. प्रवासी मजदूरों को उनके हुनर के हिसाब से बिहार में ही रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल जितने भी प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे थे, उनमें से 16 हजार लोगों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हुनर के हिसाब से रोजगार स्थापित करने के लिए 10 लाख का लोन मुहैया कराया गया है. यह 16 हजार लोग करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार देंगे. क्लस्टर बनाकर हर जिले में लोगों को रोजगार दिया जाएगा.

देखें वीडियो

मंत्री ने कहा कि इस बार भी जो प्रवासी मजदूर बिहार लौटकर आएंगे, उनकी कुशलता को देखते हुए 10 लाख रुपए उद्योग लगाने के लिए लोन के रूप में दिया जाएगा. इसमें 5 लाख रुपया का अनुदान है, बाकी का 5 लाख रुपये उद्योग स्थापित होने के बाद 84 आसान किस्तों में जमा करना होगा. उन्होंने कहा कि अभी तुरंत जो मजदूर लौटकर बिहार आएंगे उनको मनरेगा के तहत सौ दिन का काम दिया जाएगा.

श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में 18 लाख प्रवासी मजदूर लौटकर बिहार आए थे. उनको बिहार में ही रोजगार दिया गया. वहीं 14 लाख 87 हजार मजदूरों के खाते में 3-3 हजार रुपए दिए थे. बता दें कि देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के नए वेरिऐंट ओमिक्रण से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है.

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है और भी कई राज्य इस रास्ते पर चल सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर होते हैं, जिनका कामकाज ठप हो जाता है. ऐसे में कोरोना के मामलों में कमी नहीं हुई तो लॉकडाउन भी लग सकता है. बिहार में मजदूर लौट कर आएंगे तो सरकार उनको वहीं रोजगार देने की व्यवस्था कर रही है.

ये भी पढ़ें:सहरसा में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

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नई दिल्ली/पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में बिहार से बाहर रहने वाले लोगों के एक बार फिर से वापस अपने प्रदेश आने की संभावना है. जिसको लेकर बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Labor Resource Minister Jivesh Mishra) ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रवासी मजदूर लौटकर अपने राज्य आएंगे तो उनको रोजगार दी जाएगी.

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सरकार की ओर से रोजगार की व्यवस्था की जा रही है. विभाग के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है. प्रवासी मजदूरों को उनके हुनर के हिसाब से बिहार में ही रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल जितने भी प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे थे, उनमें से 16 हजार लोगों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हुनर के हिसाब से रोजगार स्थापित करने के लिए 10 लाख का लोन मुहैया कराया गया है. यह 16 हजार लोग करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार देंगे. क्लस्टर बनाकर हर जिले में लोगों को रोजगार दिया जाएगा.

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मंत्री ने कहा कि इस बार भी जो प्रवासी मजदूर बिहार लौटकर आएंगे, उनकी कुशलता को देखते हुए 10 लाख रुपए उद्योग लगाने के लिए लोन के रूप में दिया जाएगा. इसमें 5 लाख रुपया का अनुदान है, बाकी का 5 लाख रुपये उद्योग स्थापित होने के बाद 84 आसान किस्तों में जमा करना होगा. उन्होंने कहा कि अभी तुरंत जो मजदूर लौटकर बिहार आएंगे उनको मनरेगा के तहत सौ दिन का काम दिया जाएगा.

श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में 18 लाख प्रवासी मजदूर लौटकर बिहार आए थे. उनको बिहार में ही रोजगार दिया गया. वहीं 14 लाख 87 हजार मजदूरों के खाते में 3-3 हजार रुपए दिए थे. बता दें कि देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के नए वेरिऐंट ओमिक्रण से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है.

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है और भी कई राज्य इस रास्ते पर चल सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर होते हैं, जिनका कामकाज ठप हो जाता है. ऐसे में कोरोना के मामलों में कमी नहीं हुई तो लॉकडाउन भी लग सकता है. बिहार में मजदूर लौट कर आएंगे तो सरकार उनको वहीं रोजगार देने की व्यवस्था कर रही है.

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