पटना: पिछले हफ्ते की भारी बारिश के बाद बिहार की राजधानी पटना के कुछ इलाकों में अब भी जलजमाव रहने की वजह से डेंगू और वेक्टर जनित अन्य बीमारियों का खतरा मंडरने लगा है. प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पटना में 27 सितंबर से अब तक डेंगू के 250 मामले सामने आये हैं.
एक जनवरी से 27 सितंबर तक 409 मामले
राजधानी पटना में 27 सितंबर से बारिश शुरू हुई थी जो अगले कुछ दिनों तक जारी रही. डेंगू के मामले की तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पटना में इस साल एक जनवरी से 27 सितंबर तक इस बीमारी के 409 मामले सामने आये थे.
बिहार में अब तक डेंगू के 980 मरीज
जलजमाव के चलते पटना में मच्छरों की संख्या बहुत बढ़ गई है. डेंगू ने अब तक राजधानी के 640 लोगों को अपनी चपेट में लिया है. अगर राज्य की बात की जाए तो बिहार में अब तक डेंगू के 980 मरीज मिले हैं. हालांकि, विभाग ने कहा है कि जिन इलाकों में पानी जमा है, वहां सघन फॉगिंग की जा रही है. साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों को डेंगू के इलाज के लिए सतर्क रहने को कहा गया है.
22 पीएचसी में डेंगू की जांच की व्यवस्था
विभाग ने यह भी कहा है कि दशहरा त्योहार के तुरंत बाद 10-12 अक्टूबर के बीच शहर के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इधर, पीएमसीएच में हर रोज 100 से अधिक लोगों की डेंगू की जांच की जा रही है. पटना में स्वास्थ्य विभाग ने 22 पीएचसी में डेंगू की जांच की व्यवस्था कराई है.
जलजमाव से 2 लाख 25 हजार लोग प्रभावित
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि संकट का मुकाबला करने के लिए केंद्र ने अपने संसाधनों को लगाया है. जिला मजिस्ट्रेट कुमार रवि ने बताया कि जल जमाव के कारण लगभग 2 लाख 25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.
डेंगू क्या है?
डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं, जो एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं. इसमें मरीज के शरीर में दर्द बहुत ज्यादा होता है, इसलिए इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है. बारिश के मौसम में यह बीमारी आम हो जाती है.
डॉ. दिवाकर तेजस्वी के मुताबिक डेंगू, बरसात के मौसम में और उसके फौरन बाद के महीनों में यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं. लिहाजा बीमार होने से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
डेंगू बुखार के लक्षण
- त्वचा पर चकत्ते आना
- आंखों में दर्द होना
- ठंड लगना और फिर तेज बुखार चढ़ना
- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द तेज होना
- कमजोरी लगना, भूख न लगना और मुंह का स्वाद खराब होना
डेंगू से कैसे करें बचाव:
- अगर आपको जरा भी लगे कि आपके बुखार है तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें
- डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल ले सकते हैं
- अत्याधिक गर्मी में ज्यादा देर रहने से बचें
- हमेशा सोते समय मच्छरदानी या फिर का इस्तेमाल करें
- बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें
- ऐसे कपड़े पहने, जिससे शरीर का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा ढका रहे
- अपने आस पास खुला साफ पानी एकत्रित न होने दें
- डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ और ठहरे पानी में पनपता है
- खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं
- अपने आस-पास सफाई बनाएं रखें
- प्लेटलेट्स लगातार जांच कराते रहें
- खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें
क्या न करें :
- जहां पर पानी इकट्ठा हो वहां पर बच्चों को खेलने न दें
- ऐसे इलाकों में जाने से बचें जहां गंदगी हो
- बेकार पड़ी चीजों में पानी न इकट्ठा होने दें
अपना सकते है ये घरेलू उपाय:
- डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी खूब पिएं
- पपीते के पत्ते भी काफी असरदार हैं, इसका जूस पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं
- तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है
- गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है. यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है