पटनाः शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षक नियुक्ति के लिए सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन प्रक्रिया में शिक्षकों और शिक्षा विभाग के कर्मियों की ड्यूटी लगाए जाने से काफी नाराज हैं. इसे लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद को सख्त लहजे में पत्र लिखा गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने आयोग को पत्र लिखकर सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन कार्य में लगाए गए कर्मियों और शिक्षकों को अविलंब मुक्त करने को कहा है.
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शिक्षा विभाग ने भेजा बीपीएससी के अध्यक्ष को पत्रः माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में बीपीएससी को कहा है कि नियुक्ति नियमावली के तहत वेरिफिकेशन का काम नियुक्ति प्राधिकार का है. ऐसे में बिहार लोक सेवा आयोग ने नियमों के विपरीत शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी भी वेरिफिकेशन के काम में लगा दी है. किसी भी स्थिति में यह ना तो स्वीकार्य है और ना ही शिक्षा हित में है. शिक्षा विभाग के कर्मियों की ड्यूटी से अनावश्यक श्रम का भी दुरुपयोग हो रहा है.
नियमों का दिया गया हवालाः कर्मियों और शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में साफ कहा कि आयोग अपने कार्यालय स्तर पर प्रमाण-पत्र का सत्यापना कराना चाहे, तो इस मामले में वह स्वतंत्र है. शिक्षा विभाग ने कहा है कि वर्णित स्थिति में निदेशानुसार अनुरोध है कि सभी जिलों में शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों को नियमावली 2023 के विहित नियम के विपरीत प्रमाण-पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने की स्थिति को देखते हुए अविलम्ब उन सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कार्य से मुक्त करते हुए इसकी सूचना शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराई जाए.
केके पाठक का नया फरमानः आपको बताते चले कि सोमवार 4 सितंबर से बीपीएससी शिक्षक बहाली के तहत अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य शुरू हुआ है. जिसके बाद से ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद के बीच तनातनी का दौर शुरू हो गया है. दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों शिक्षा में सुधार को लेकर कई कदम उठा रहे हैं. यही वजह है कि वो शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा अन्य दूसरे विभागों के कार्यों में लगाए जाने से नराज हैं.