पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों का लगातार निरीक्षण कर रहे शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने अब कोचिंग संस्थानों पर चाबुक चलाया है. केके पाठक का नया फरमान जारी हुआ है. इस निर्देश के अनुसार राज्य के कोचिंग संस्थान विद्यालय अवधि में अपनी क्लास नहीं चला पाएंगे. इसके लिए उन्होंने डीईओ को खास निर्देश और जिम्मेवारी सौंपी है.
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एसीएस ने जारी किया पत्र : एसीएस केके पाठक की तरफ से राज्य के सभी जिला पदाधिकारी को जारी किए गए आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य में बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट कोचिंग एंड रेगुलेशन एक्ट 2020 पहले से ही लागू है, लेकिन इस अधिनियम के तहत कभी कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया. एक जुलाई से विद्यालयों की जांच की व्यवस्था स्थापित की गई, जो कि अब स्थायी हो गया है. इस जांच प्रणाली के तहत प्रतिदिन 25 हजार से अधिक विद्यालयों का अनुश्रवण हो रहा है. गहन जांच के क्रम में कोचिंग संस्थानों के बारे में भी कई बातें पता चली हैं.
विद्यालय अवधि में नहीं चलेंगे कोचिंग : इस पत्र में स्पष्ट है कि सभी कोचिंग संस्थानों की कक्षाओं का समय वही होता है जो हमारे विद्यालयों का है. हमारे विद्यालय सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलते हैं, किंतु इसी अवधि में कोचिंग संस्थान भी चलते रहते हैं. इससे हमारे छात्र, चाहे वह किसी भी कक्षा के हो, कोचिंग संस्थानों में जाने के फलस्वरूप विद्यालय में कम उपस्थित रहते हैं. यह बात कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्रों पर विशेष रूप से लागू होती है.
स्कूलों में बच्चों की अच्छी उपस्थिति के लिए जरूरी : केके पाठक ने पत्र में यह भी कहा है कि ऐसी जानकारी मिली है कि कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षक भी विद्यालय के दौरान ही जाकर पढ़ाते हैं. साथ में यह भी सूचना है कि कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन में भी हमारे सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की भी प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका है. यही कारण है कि कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की स्कूल में उपस्थिति पर जोर देने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि जिस छात्र की 75% से कम उपस्थिति होगी उसे बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा.
जल्द आएगी नई नियमावली : पत्र में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बच्चों की उपस्थिति स्कूल में बनाए रखने के लिए अपने जिले के कोचिंग संस्थाओं की गतिविधियों को नियंत्रित करें. क्योंकि कोचिंग संस्थानों की समानांतर समय सारणी के चलते विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति में आवश्यक सुधार नहीं हो पा रहा है. पत्र में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण को लेकर जल्द ही एक नियमावली भी विभाग की ओर से निकालने की बात कही गई है. इसमें कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सभी डीईओ को प्राधिकृत किया जाएगा.
तीन चरणों में होगी कार्रवाई : केके पाठक ने पत्र में साफतौर पर निर्देश दिया है कि जब तक नियमावली नहीं आती है, तब तक सभी डीईओ कार्रवाई के प्रथम चरण में एक अगस्त से सात अगस्त तक अभियान के तौर पर अपने जिले के सभी कोचिंग संस्थानों की सूची बना लें है. इनमें किसी भी कक्षा अथवा प्रतियोगिता परीक्षा जैसे बीपीएससी और यूपीएससी की कोचिंग संस्थान शामिल हैं. द्वितीय चरण में 8 अगस्त से 16 अगस्त तक इन कोचिंग संस्थानों के संचालकों की बैठक अपने स्तर पर बुलाएं और उन्हें इन बिंदुओं के बारे में अगाह कर दें कि सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कोचिंग न चलाएं.
कोचिंग में नहीं पढ़ाएंगे सरकारी विद्यालय के शिक्षक : इसके अलावा पत्र में निर्देश दिया गया है कि सभी डीईओ अपने जिले के कोचिंग संचालकों को यह भी निर्देश दे दें कि वे अपने संस्थानों में किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी विद्यालय के अध्यापक या कर्मी को न रखें. अगर किसी संस्थान के संचालन मंडल में यदि कोई कार्यरत सरकारी कर्मी या पदाधिकारी को रखा है, तो इसकी सूचना जिला पदाधिकारी को दें.
31 अगस्त के बाद होगी कार्रवाई : तृतीय चरण में 16 अगस्त से 31 अगस्त तक सभी जिला अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को प्रतिनियुक्त करते हुए इन सभी कोचिंग संस्थानों का सघन निरीक्षण कराएं और यदि वे सुबह 9:00 से शाम 4:00 तक कोचिंग का कार्य करते पाए गए तो लिखित चेतावनी जारी की जाए और आगाह किया जाए कि वे अपनी समय सारणी में बदलाव करें. 31 अगस्त के बाद यदि कोई कोचिंग गतिविधियों में सुधार नहीं लाते हैं तो उसके लिए नियम के अनुसार आगे कार्रवाई करने के लिए विभाग शीघ्र ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा.