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किसान आंदोलन का 34 वां दिन: किसान आंदोलन के समर्थन में थाली चम्मच लेकर सड़कों पर उतरे लोग

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Published : Dec 28, 2020, 8:40 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश को संबोधित किया. पिछले करीब एक महीने से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि पीएम मोदी कृषि कानूनों और इससे जुड़े मुद्दों पर बात कर सकते हैं लेकिन 'मन की बात' कार्यक्रम में किसानों का जिक्र तक नहीं हुआ.

PATNA
किसान आंदोलन का समर्थन

पटना: नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 34 वां दिन है. किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम "मन की बात" के जरिए जनता को संबोधित किया. ये इस कार्यक्रम का 72वां और इस साल का अंतिम संस्करण था. किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के पास कारगिल चौक के नजदीक थाली बजाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का विरोध किया गया.

कृषि बिल वापस लेने की बात
किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कार्यक्रम संयोजक प्रदीप मेहता ने कहा कि किसानों की मांग जायज है. उस पर सरकार अमल करें. अन्यथा तेज आंदोलन कर चक्का जाम किया जाएगा. कृषि बिल, किसान विरोधी और जनहित विरोधी है. इसे सरकार अविलंब वापस ले.

एमएसपी कानून बनाकर लागू करने की मांग
कार्यक्रम संयोजक प्रदीप मेहता ने कहा किसान के ऊपर नियुक्त न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी कानून बनाकर लागू करें. किसानों की संपत्ति जमीन पैदावार पूंजी पतियों के साथ जाने से रोके. किसानों के पंजीकरण को वेबसाइट हमेशा चालू रहे. उसे बंद करना धोखाधड़ी है. किसानों को ठगना, डराना धमकाना बंद करो.

पटना: नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 34 वां दिन है. किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम "मन की बात" के जरिए जनता को संबोधित किया. ये इस कार्यक्रम का 72वां और इस साल का अंतिम संस्करण था. किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के पास कारगिल चौक के नजदीक थाली बजाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का विरोध किया गया.

कृषि बिल वापस लेने की बात
किसान संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कार्यक्रम संयोजक प्रदीप मेहता ने कहा कि किसानों की मांग जायज है. उस पर सरकार अमल करें. अन्यथा तेज आंदोलन कर चक्का जाम किया जाएगा. कृषि बिल, किसान विरोधी और जनहित विरोधी है. इसे सरकार अविलंब वापस ले.

एमएसपी कानून बनाकर लागू करने की मांग
कार्यक्रम संयोजक प्रदीप मेहता ने कहा किसान के ऊपर नियुक्त न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी कानून बनाकर लागू करें. किसानों की संपत्ति जमीन पैदावार पूंजी पतियों के साथ जाने से रोके. किसानों के पंजीकरण को वेबसाइट हमेशा चालू रहे. उसे बंद करना धोखाधड़ी है. किसानों को ठगना, डराना धमकाना बंद करो.

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