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नीतीश जी हर साल 5 करोड़ देंगे खेसारी लाल, बस कर दीजिए यह काम

भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव ने कहा कि बिहार में अगर प्रोत्साहन मिलेगा तो फिल्म इंडस्ट्री के लोग आएंगे. इससे राज्य में निवेश होगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. पढ़ें पूरी खबर...

Khesari Lal Yadav
खेसारी लाल यादव और नीतीश कुमार
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Published : Oct 7, 2021, 6:11 PM IST

पटना: भोजपुरी बिहार की बोली है. राज्य के करोड़ों लोग भोजपुरी बोलते हैं और भोजपुरी फिल्मों (Bhojpuri Film) को शौक से देखते हैं. भोजपुरी बोली तो बिहार की है, लेकिन जब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Film Industry) की बात होती है तो इसमें बिहार से अधिक हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का नजर आता है. हर साल बड़ी संख्या में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में होती है.

यह भी पढ़ें- 'बिहार में फिल्मों की शूटिंग करवाना है तो UP की तरह बड़ा करना होगा दिल'

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग फिल्म की शूटिंग के लिए बिहार के बदले उत्तर प्रदेश क्यों जाते हैं इसपर अभिनेता खेसारी लाल यादव ने प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा है कि अगर बिहार सरकार सुविधाएं दे तो यहां भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री आ सकती है. इससे राज्य में पैसा आएगा और यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. खेसारी ने कहा कि अगर दूसरे राज्यों की तरह सुविधा मिले तो मैं हर साल बिहार को 4-5 करोड़ रुपये दे सकता हूं.

देखें वीडियो

ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बातचीत में खेसारी लाल ने कहा, 'हमें उत्तर प्रदेश में सब्सिडी मिलती है तो हम वहां के लोगों को रोजगार देते हैं. आज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. हम एक फिल्म बनाते हैं तो उस राज्य को 40-50 लाख रुपये देते हैं. वही पैसा हमें सब्सिडी के रूप में मिलता है. इससे लोगों को रोजगार मिलता है और स्थानीय कलाकारों को फिल्म में छोटे-छोटे रोल भी मिलते हैं. इससे उनका उत्साह बढ़ता है. बिहार सरकार पता नहीं कब समझेगी. मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दे सकता.'

खेसारी लाल ने कहा, 'मैं बिहार से हूं. मुझे भी लगता है कि अपने राज्य को क्या दे सकता हूं. व्यवस्था मिलेगी तो मैं भी साल में कम से कम 4-5 करोड़ रुपये आराम से अपने राज्य को दे सकता हूं. मुझे मुंबई में रहने की जरूरत भी नहीं है. अगर वह व्यवस्था मुझे यहां मिलेगी तो मैं प्रॉपर्टी से लेकर हर निवेश बिहार में करूंगा. इससे मुझे भी खुशी होगी कि अपने लोगों के साथ रह रहा हूं.

खेसारी लाल ने कहा, 'बदलाव बिजली से नहीं रोजगार से होता है. आज अगर कोई व्यक्ति मुंबई में 40 हजार रुपये प्रति माह कमाता है तो 10 हजार रुपये भोजन और 15 हजार रुपये रूम रेंट में खर्च कर देता है. 10 हजार रुपये बचाकर आप अपने बच्चों को कैसे शिक्षा दे पाएंगे? कैसे बीमारी का इलाज करा पाएंगे? अगर बिहार में रहकर 30 हजार रुपये भी मिलता है तो उसमें बचत होती है. हमारे पास रोजगार नहीं है इसलिए हम आज दुनिया के सबसे गरीब आदमी हैं.'

"आज महंगाई हमें इसलिए नजर आ रही है कि हमारे पास रोजगार नहीं है. रोजगार हो तो महंगाई बड़ी बात नहीं है. खेसारी, दिनेश लाल यादव, मनोज तिवारी और बड़े-बड़े उद्योगपतियों पर महंगाई का असर नहीं पड़ता. महंगाई से बेरोजगार मर रहे हैं. रोजगार मिल जाए तो गरीबी भी दूर हो जाएगी. पहले हम चिपरी और गोहरा जलाते थे तो खुश थे आज हमें आग जलाने के लिए भी पैसे देने पड़ते हैं. महंगाई 90 फीसदी बढ़ गई है, लेकिन रोजगार 10 फीसदी भी नहीं बढ़ा है. इस मामले में कहीं न कहीं सरकार फेल है."- खेसारी लाल यादव, भोजपुरी अभिनेता

यह भी पढ़ें- ETV भारत से बोलीं डॉ. नीतू- 'स्टार बनने के चक्कर में परोसी जा रही भोजपुरी में फूहड़ता'

पटना: भोजपुरी बिहार की बोली है. राज्य के करोड़ों लोग भोजपुरी बोलते हैं और भोजपुरी फिल्मों (Bhojpuri Film) को शौक से देखते हैं. भोजपुरी बोली तो बिहार की है, लेकिन जब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Film Industry) की बात होती है तो इसमें बिहार से अधिक हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का नजर आता है. हर साल बड़ी संख्या में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश में होती है.

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भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग फिल्म की शूटिंग के लिए बिहार के बदले उत्तर प्रदेश क्यों जाते हैं इसपर अभिनेता खेसारी लाल यादव ने प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा है कि अगर बिहार सरकार सुविधाएं दे तो यहां भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री आ सकती है. इससे राज्य में पैसा आएगा और यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. खेसारी ने कहा कि अगर दूसरे राज्यों की तरह सुविधा मिले तो मैं हर साल बिहार को 4-5 करोड़ रुपये दे सकता हूं.

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ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बातचीत में खेसारी लाल ने कहा, 'हमें उत्तर प्रदेश में सब्सिडी मिलती है तो हम वहां के लोगों को रोजगार देते हैं. आज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. हम एक फिल्म बनाते हैं तो उस राज्य को 40-50 लाख रुपये देते हैं. वही पैसा हमें सब्सिडी के रूप में मिलता है. इससे लोगों को रोजगार मिलता है और स्थानीय कलाकारों को फिल्म में छोटे-छोटे रोल भी मिलते हैं. इससे उनका उत्साह बढ़ता है. बिहार सरकार पता नहीं कब समझेगी. मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं दे सकता.'

खेसारी लाल ने कहा, 'मैं बिहार से हूं. मुझे भी लगता है कि अपने राज्य को क्या दे सकता हूं. व्यवस्था मिलेगी तो मैं भी साल में कम से कम 4-5 करोड़ रुपये आराम से अपने राज्य को दे सकता हूं. मुझे मुंबई में रहने की जरूरत भी नहीं है. अगर वह व्यवस्था मुझे यहां मिलेगी तो मैं प्रॉपर्टी से लेकर हर निवेश बिहार में करूंगा. इससे मुझे भी खुशी होगी कि अपने लोगों के साथ रह रहा हूं.

खेसारी लाल ने कहा, 'बदलाव बिजली से नहीं रोजगार से होता है. आज अगर कोई व्यक्ति मुंबई में 40 हजार रुपये प्रति माह कमाता है तो 10 हजार रुपये भोजन और 15 हजार रुपये रूम रेंट में खर्च कर देता है. 10 हजार रुपये बचाकर आप अपने बच्चों को कैसे शिक्षा दे पाएंगे? कैसे बीमारी का इलाज करा पाएंगे? अगर बिहार में रहकर 30 हजार रुपये भी मिलता है तो उसमें बचत होती है. हमारे पास रोजगार नहीं है इसलिए हम आज दुनिया के सबसे गरीब आदमी हैं.'

"आज महंगाई हमें इसलिए नजर आ रही है कि हमारे पास रोजगार नहीं है. रोजगार हो तो महंगाई बड़ी बात नहीं है. खेसारी, दिनेश लाल यादव, मनोज तिवारी और बड़े-बड़े उद्योगपतियों पर महंगाई का असर नहीं पड़ता. महंगाई से बेरोजगार मर रहे हैं. रोजगार मिल जाए तो गरीबी भी दूर हो जाएगी. पहले हम चिपरी और गोहरा जलाते थे तो खुश थे आज हमें आग जलाने के लिए भी पैसे देने पड़ते हैं. महंगाई 90 फीसदी बढ़ गई है, लेकिन रोजगार 10 फीसदी भी नहीं बढ़ा है. इस मामले में कहीं न कहीं सरकार फेल है."- खेसारी लाल यादव, भोजपुरी अभिनेता

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