पटना: गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में खतरनाक ढंग से वृद्धि हो रही है. पटना के सभी घाटों पर गंगा का जलस्तर (Ganga River Water Level) रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. इसके चलते पटना पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. काली घाट डूब गया है. घाट के किनारे स्थित मंदिर पानी में डूब गए हैं. शुक्रवार को नागपंचमी (Nag Panchami) होने के बाद भी बहुत से लोग पूजा करने मंदिर नहीं आ पाए. मंदिर में कुछ लोग घुटने से ऊपर तक पानी में खड़े होकर पूजा करते दिखे.
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पूजा करने आए लोगों ने गंगा मइया से रहम करने की गुहार लगाई. मनोज कुमार ने कहा, 'बाढ़ के चलते बहुत परेशानी है. इसके बाद भी पूजा करने आए हैं. सभी जगह बाढ़ का पानी है'. विपिन कुमार ने कहा, 'आज नागपंचमी है इसलिए महादेव की पूजा करने आए हैं. भगवान से प्रार्थना है कि सैलाब से राहत मिले.' अर्जुन जायसवाल ने कहा, 'बाढ़ के चलते नागपंचमी होने पर भी श्रद्धालु पूजा करने नहीं आ पा रहे हैं.'
"भगवान से प्रार्थना करने आई हूं कि बाढ़ के संकट से मुक्ति मिले. परेशानी बहुत है, लेकिन पूजा तो करना ही है. आज नागपंचमी भी है. हर तरफ पानी ही पानी है. गंगा घाट पर मैंने पहले ऐसा कभी नहीं देखा था. गंगा मइया से विनती है कि अब वे लोगों पर रहम करें."- ममता सिंह राणा, श्रद्धालु
बता दें कि गंगा के जलस्तर में खतरनाक ढंग से वृद्धि जारी है. गुरुवार देर रात 2 बजे हथिदह में गंगा अबतक के उच्चतम स्तर (43.18 मीटर) पर पहुंच गई. दीघा में इसके जलस्तर (51.61 मीटर) में 24 घंटे में 25 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. गुरुवार को बक्सर में 1.03 लाख क्यूसेक पानी अधिक आया. गंगा के तटवर्ती बक्सर, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, सारण, वैशाली, कटिहार, समस्तीपुर और लखीसराय में बाढ़ से करीब 22 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है.
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