पटना: आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर में कैदियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अब नियमित रूप से सुबह-शाम 2:30 एमएल काढ़ा जेल प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है. बेऊर जेल के अधीक्षक जितेंद्र कुमार के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग को छोड़कर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई सभी गाइडलाइंस को जेलों के अंदर पूरा किया जा रहा है.
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सभी वार्डों में इलेक्ट्रिक केतली
बेऊर जेल के सभी वार्ड में जेल प्रशासन द्वारा गरम पानी कैदियों को मिल सके, इस वजह से आज सभी वार्डों में इलेक्ट्रिक केतली उपलब्ध कराया जाएगा. जेल प्रशासन का मानना है कि रात के वक्त सभी वार्ड बंद हो जाते हैं. ऐसे में किसी कैदी को गर्म पानी पीने की आवश्यकता होगी तो, वह अपने वार्ड में रखी केतली में गर्म पानी करके कभी भी पी सकता है.
एक्सरे मशीन लगाने का निर्णय
जेल प्रशासन के मुताबिक पटना के बेऊर जेल में जल्द ही एक्सरे मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है. ताकि किसी भी कैदी को अगर सीने में किसी तरह की तकलीफ होती है तो, वहीं पर लगे एक्सरे मशीन में एक्स-रे के माध्यम से पता किया जा सकता है. बेऊर जेल प्रशासन के मुताबिक सभी बंदियों को जेल प्रशासन की ओर से साबुन मुहैया करवाया गया है. ताकि वह अपने हाथों को समय-समय पर साफ रख सकें. गर्मी के मद्देनजर जेल प्रशासन द्वारा बेऊर जेल के महिला कैदी वार्ड में 6 कूलर इंस्टॉल करवाये गये हैं.
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जेल में क्षमता से अधिक कैदी
बेऊर जेल के अंदर और बाहर कक्षपालों और दूसरे स्टाफ के लिए ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजर मशीन की व्यवस्था की गयी है. साथ ही कक्षपाल जेलों के अंदर वार्डों में घूमते हैं. जिस वजह से शूज सैनिटाइजर मशीन भी है. ताकि कैदियों तक कोरोना का संक्रमण ना पहुंच सके. जेल प्रशासन का मानना है कि अगर जिलों के अंदर कोरोना का संक्रमण फैल जाएगा तो, इसे रोक पाना काफी मुश्किल होगा. जिस वजह से यह निर्णय लिया गया है. हालांकि बेऊर जेल में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे हैं. जिस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कैदियों को रख पाना मुमकिन नहीं है.
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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना नामुमकिन
पटना के बेऊर जेल में 2500 कैदी को रखने की क्षमता है. लेकिन बेउर जेल में फिलहाल 4358 कैदी मौजूद हैं. जिस वजह से कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुमकिन नहीं है. हालांकि जेल प्रशासन का मानना है कि बेऊर जेल में कोरोना का संक्रमण बिल्कुल नहीं है. जिस वजह से ज्यादा से ज्यादा कैदियों को एक साथ रखने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है.
पटना में पकड़े जा रहे नए कैदियों को सबसे पहले फुलवारी जेल जहां पर आइसोलेशन वार्ड बना हुआ है, वहां पर रखा जाता है. 14 दिन बीत जाने के बाद उन कैदियों में कोरोना का थोड़ा सा भी लक्षण नहीं पाए जाने के बाद ही उन्हें दूसरे जिलों में शिफ्ट किया जाता है.