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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज हलकान, PMCH के सभी वार्ड हुए लगभग खाली - पटना में डॉक्टरों की हड़ताल

स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग को लेकर प्रदेश भर के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज चौथा दिन है. ऐसे में पीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. पीएमसीएच में लगभग 13 सौ से अधिक जूनियर डॉक्टर और मेडिकल इंटर्न हैं, जो हड़ताल में हैं. और इनके हड़ताल की वजह से पीएमसीएच के सभी विभागों के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.

Junior doctor strike
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Published : Dec 26, 2020, 8:00 PM IST

पटना: पीएमसीएच के सभी वार्ड में सभी बेड खाली नजर आ रहे हैं और इक्का- दुक्का मरीज ही नजर आ रहे हैं. उचित इलाज के अभाव में परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. हालांकि पीएमसीएच में ओपीडी की सेवा सुचारू रूप से चल रही है. और सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को देखा मगर 13 सौ से अधिक जूनियर डॉक्टरों के स्ट्राइक का असर भी पीएमसीएच में साफ देखने को मिल रहा है.

मरीजों की बढ़ी परेशानी
बख्तियारपुर से पीएमसीएच के टाटा इमरजेंसी वार्ड में अपने मरीज को एडमिट कराने वाले अजय कुमार अब पीएमसीएच से इलाज के लिए दूसरे अस्पताल का रुख करने को मजबूर है.

Junior doctor strike
मरीजों की बढ़ी परेशानी

'बिल्कुल भी इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है और यहां की व्यवस्था काफी लचर है. जिससे लाचार होकर हम मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे हैं.'- अजय कुमार, मरीज के परिजन

Junior doctor strike
पीएमसीएच का हाल,सभी वार्ड हुए लगभग खाली

'पिछले 5 दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं. और जिस दिन अस्पताल में एडमिट हुई थी उसी दिन डॉक्टर ने मरीज को देखा था. उसके बाद कोई भी मरीज की सुध लेने डॉक्टर नहीं पहुंचा. नर्सिंग स्टाफ समय समय पर जरूर पहुंच रही है. साथ ही डॉक्टरों ने 15 दिन का दवा लिख दिया है.'- शकुंतला देवी, मरीज की परिजन

देखें रिपोर्ट
पीएमसीएच में बुरे हो रहे हालात
पीएमसीएच के हथवा वार्ड में एडमिट समस्तीपुर से आए एक मरीज के परिजन संतोष कुमार ने बताया कि पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का काफी बुरा असर देखने को मिल रहा है. सिर्फ सीनियर डॉक्टर सुबह-शाम देखकर जा रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का ही असर है कि मरीज को एडमिट करने में भी काफी परेशानी आ रही है.

बहरहाल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण जिस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई है उससे अब ओपीडी में भी मरीजों की संख्या घट गई है. और लोग कम संख्या में ही पीएमसीएच में मरीजों को दिखाने पहुंच रहे हैं. पीएमसीएच में शनिवार के दिन ओपीडी में 950 के लगभग पर्ची कटी. जो अमूमन सामान्य दिनों में 15 सौ से 18 सौ के बीच रहती है.

पटना: पीएमसीएच के सभी वार्ड में सभी बेड खाली नजर आ रहे हैं और इक्का- दुक्का मरीज ही नजर आ रहे हैं. उचित इलाज के अभाव में परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. हालांकि पीएमसीएच में ओपीडी की सेवा सुचारू रूप से चल रही है. और सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को देखा मगर 13 सौ से अधिक जूनियर डॉक्टरों के स्ट्राइक का असर भी पीएमसीएच में साफ देखने को मिल रहा है.

मरीजों की बढ़ी परेशानी
बख्तियारपुर से पीएमसीएच के टाटा इमरजेंसी वार्ड में अपने मरीज को एडमिट कराने वाले अजय कुमार अब पीएमसीएच से इलाज के लिए दूसरे अस्पताल का रुख करने को मजबूर है.

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मरीजों की बढ़ी परेशानी

'बिल्कुल भी इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है और यहां की व्यवस्था काफी लचर है. जिससे लाचार होकर हम मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे हैं.'- अजय कुमार, मरीज के परिजन

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पीएमसीएच का हाल,सभी वार्ड हुए लगभग खाली

'पिछले 5 दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं. और जिस दिन अस्पताल में एडमिट हुई थी उसी दिन डॉक्टर ने मरीज को देखा था. उसके बाद कोई भी मरीज की सुध लेने डॉक्टर नहीं पहुंचा. नर्सिंग स्टाफ समय समय पर जरूर पहुंच रही है. साथ ही डॉक्टरों ने 15 दिन का दवा लिख दिया है.'- शकुंतला देवी, मरीज की परिजन

देखें रिपोर्ट
पीएमसीएच में बुरे हो रहे हालात
पीएमसीएच के हथवा वार्ड में एडमिट समस्तीपुर से आए एक मरीज के परिजन संतोष कुमार ने बताया कि पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का काफी बुरा असर देखने को मिल रहा है. सिर्फ सीनियर डॉक्टर सुबह-शाम देखकर जा रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल का ही असर है कि मरीज को एडमिट करने में भी काफी परेशानी आ रही है.

बहरहाल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण जिस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई है उससे अब ओपीडी में भी मरीजों की संख्या घट गई है. और लोग कम संख्या में ही पीएमसीएच में मरीजों को दिखाने पहुंच रहे हैं. पीएमसीएच में शनिवार के दिन ओपीडी में 950 के लगभग पर्ची कटी. जो अमूमन सामान्य दिनों में 15 सौ से 18 सौ के बीच रहती है.
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