पटना: पीएमसीएच के सभी वार्ड में सभी बेड खाली नजर आ रहे हैं और इक्का- दुक्का मरीज ही नजर आ रहे हैं. उचित इलाज के अभाव में परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. हालांकि पीएमसीएच में ओपीडी की सेवा सुचारू रूप से चल रही है. और सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को देखा मगर 13 सौ से अधिक जूनियर डॉक्टरों के स्ट्राइक का असर भी पीएमसीएच में साफ देखने को मिल रहा है.
मरीजों की बढ़ी परेशानी
बख्तियारपुर से पीएमसीएच के टाटा इमरजेंसी वार्ड में अपने मरीज को एडमिट कराने वाले अजय कुमार अब पीएमसीएच से इलाज के लिए दूसरे अस्पताल का रुख करने को मजबूर है.
'बिल्कुल भी इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है और यहां की व्यवस्था काफी लचर है. जिससे लाचार होकर हम मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल जा रहे हैं.'- अजय कुमार, मरीज के परिजन
'पिछले 5 दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं. और जिस दिन अस्पताल में एडमिट हुई थी उसी दिन डॉक्टर ने मरीज को देखा था. उसके बाद कोई भी मरीज की सुध लेने डॉक्टर नहीं पहुंचा. नर्सिंग स्टाफ समय समय पर जरूर पहुंच रही है. साथ ही डॉक्टरों ने 15 दिन का दवा लिख दिया है.'- शकुंतला देवी, मरीज की परिजन