ETV Bharat / state

आज ही के दिन छात्रों के आंदोलन से जुड़े थे JP, कहा था- 1 साल में बदल दूंगा बिहार की तस्वीर - शिवानंद तिवारी

18 मार्च के दिन जयप्रकाश नारायण छात्रों के आंदोलन से जुड़े थे. साथ ही बिहार की तकदीर और तस्वीर बदलने की बात कही थी.

march
march
author img

By

Published : Mar 18, 2020, 1:47 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 2:13 PM IST

पटना: 18 मार्च बिहार के इतिहास में एक बड़ा दिन है. इस दिन संपूर्ण क्रांति के जनक जय प्रकाश नारायण ने आंदोलन की कमान संभाली थी. छात्रों के अंदर असंतोष था और सरकार छात्रों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही थी. उस समय समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी जय प्रकाश के निकट सहयोगियों में से थे. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान शिवानंद तिवारी ने जेपी आंदोलन से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया.

दरअसल, सर्वोदया और भूदान आंदोलन की सीमित सफलता से जयप्रकाश नारायण दुखी थे और लोकतंत्र को दोषमुक्त बनाना चाहते थे. जयप्रकाश नारायण धनबल और चुनाव के बढ़ते खर्च को लेकर भी चिंतित थे. जेपी यह भी चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें नर और नारी के बीच समानता हो और जात-पात का भेदभाव नहीं हो. इसे लेकर जनक जयप्रकाश नारायण कुछ करना चाहते थे.

शिवानंद तिवारी से खास बातचीत

जेपी ने छात्रों से स्कूल-कॉलेज छोड़ने का किया था अनुरोध
संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण आज ही के दिन छात्रों के आंदोलन से जुड़े थे. जयप्रकाश नारायण ने छात्रों से कहा था कि आप मुझे एक साल दें. मैं बिहार की तकदीर और तस्वीर बदल दूंगा. इस पर छात्रों ने स्कूल-कॉलेज छोड़ दिया था. जिसके बाद इस आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी रुख अख्तियार कर लिया था.

इंदिरा गांधी ने लगाया राष्ट्रपति शासन
छात्र बेरोजगारी शिक्षा में सुधार को लेकर आंदोलन कर रहे थे. छात्रों ने जीपी से अनुरोध किया कि वह आंदोलन से जुड़े. इस पर जेपी ने कहा कि आप अगर अहिंसक आंदोलन करेंगे तभी मैं आंदोलन की कमान संभालूंगा.

पटना: 18 मार्च बिहार के इतिहास में एक बड़ा दिन है. इस दिन संपूर्ण क्रांति के जनक जय प्रकाश नारायण ने आंदोलन की कमान संभाली थी. छात्रों के अंदर असंतोष था और सरकार छात्रों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही थी. उस समय समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी जय प्रकाश के निकट सहयोगियों में से थे. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान शिवानंद तिवारी ने जेपी आंदोलन से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया.

दरअसल, सर्वोदया और भूदान आंदोलन की सीमित सफलता से जयप्रकाश नारायण दुखी थे और लोकतंत्र को दोषमुक्त बनाना चाहते थे. जयप्रकाश नारायण धनबल और चुनाव के बढ़ते खर्च को लेकर भी चिंतित थे. जेपी यह भी चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें नर और नारी के बीच समानता हो और जात-पात का भेदभाव नहीं हो. इसे लेकर जनक जयप्रकाश नारायण कुछ करना चाहते थे.

शिवानंद तिवारी से खास बातचीत

जेपी ने छात्रों से स्कूल-कॉलेज छोड़ने का किया था अनुरोध
संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण आज ही के दिन छात्रों के आंदोलन से जुड़े थे. जयप्रकाश नारायण ने छात्रों से कहा था कि आप मुझे एक साल दें. मैं बिहार की तकदीर और तस्वीर बदल दूंगा. इस पर छात्रों ने स्कूल-कॉलेज छोड़ दिया था. जिसके बाद इस आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी रुख अख्तियार कर लिया था.

इंदिरा गांधी ने लगाया राष्ट्रपति शासन
छात्र बेरोजगारी शिक्षा में सुधार को लेकर आंदोलन कर रहे थे. छात्रों ने जीपी से अनुरोध किया कि वह आंदोलन से जुड़े. इस पर जेपी ने कहा कि आप अगर अहिंसक आंदोलन करेंगे तभी मैं आंदोलन की कमान संभालूंगा.

Last Updated : Mar 18, 2020, 2:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.