पटना: जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा (JP University Chapra) के सिलेबस से जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) और राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) के विचारों को हटाने का मामला शिक्षा विभाग (Education Department) तक पहुंच गया है. शिक्षा विभाग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार को तलब किया है.
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जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी फारुख अली और रजिस्ट्रार गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार से मिलने पहुंचे. बैठक में राजनीति शास्त्र के पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर चर्चा हो रही है. आरोप है कि पीजी के पाठ्यक्रम से जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की जीवनी को हटाया गया है. नए सिलेबस में पंडित दीनदयाल उपाध्याय और सुभाष चंद्र बोस की जीवनी को जोड़ा गया है. इस पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कड़ा एतराज जताया है.
लालू यादव ने बुधवार को ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, 'मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार और संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेता जेपी और लोहिया के विचार हटा रहे हैं. यह बर्दाश्त से बाहर है. सरकार तुरंत संज्ञान ले.'
बता दें कि सिलेबस से जेपी और लोहिया का विचार हटाने के मामले में कुलपति प्रो. फारुक अली ने स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा है कि जेपी और लोहिया के विचार हटाये जाने की बात गलत है. पहले फर्स्ट सेमेस्टर में पढ़ना था अब फोर्थ सेमेस्टर के 14 वें पेपर में पढ़ना है. अब विचार के बदले जेपी आंदोलन पढ़ना है. पीजी के छात्रों को सामाजिक चिंतकों और विचारकों के बारे में पढ़ना है. इसमें दीनदयाल उपाध्याय और अन्ना हजारे शामिल हैं.
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