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बिहार: मांझी अब एनडीए के जरिए 'हम' का करेंगे 'बेड़ा पार'!

'हम' इससे पहले भी एनडीए के साथ थी, लेकिन बाद में राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी. बिहार की सियासत में दलित नेता के रूप में खुद को पेश करने वाले मांझी ने 2018 में एनडीए को छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था, लेकिन महागठबंधन से भी पिछले दिनों उन्होंने नाता तोड़ लिया था.

jitan ram manjhi will join nda
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Published : Sep 2, 2020, 1:09 PM IST

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरेगी. 'हम' के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया, '3 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बनेगी, इसकी घोषणा जीतन राम मांझी खुद करेंगें,'

दानिश रिजवान ने कहा कि विकास के लिए हम एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीट हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है. हम विकास के मुद्दे पर एनडीए के साथ जा रहे हैं. उन्होंने 'हम' के किसी भी पार्टी में विलय के प्रश्नों को भी पूरी तरह से नकार दिया.

jitan ram manjhi will join nda
जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम

मांझी ने की सीएम नीतीश से मुलाकात
मांझी ने इससे पहले 27 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन इतना तय माना जा रहा था कि 'हम' अब एनडीए में शामिल होगी.

तीसरे मोर्चे की होनी थी घोषणा
इसके बाद हालांकि मांझी की नजदीकियां पप्पू यादव के जन अधिकार पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से भी बढ़ी. इसके बाद 2 सितंबर को कथित तीसरे मोर्चें को लेकर एक घोषणा की जानी थी, लेकिन 'हम' ने मंगलवार को इस बैठक को रद्द कर दिया.

jitan ram manjhi will join nda
जीतन राम मांझी और सीएम नीतीश कुमार

एनडीए के जरिए बेड़ा पार करने का फैसला
इस बीच, मांझी ने आज अपने पत्ते खोलते हुए 'हम' को एनडीए के जरिए ही बेड़ा पार कराने का फैसला ले लिया. इससे पहले मांझी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में थे, 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफो देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच रिश्ते में तल्खी की वजह से उन्हें पद से हटा दिया गया. इसके बाद मांझी ने अलग पार्टी बना ली.

महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की करते रहे थे मांग
बता दें कि आरजेडी, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और 'हम' के गठबंधन में मांझी लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते रहे थे. वहीं, मांझी ने चेतावनी दी थी कि अगर समिति बनाने को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे महागठंधन छोड़कर अलग रास्ता चुन सकते हैं. इसके बाद मांझी ने महागठबंधन को छोड़ने की घोषणा कर दी. दरअसल, मांझी 2018 में एनडीए को छोडकर महागठबंधन में शामिल हुए थे.

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल के रूप में चुनाव मैदान में उतरेगी. 'हम' के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया, '3 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बनेगी, इसकी घोषणा जीतन राम मांझी खुद करेंगें,'

दानिश रिजवान ने कहा कि विकास के लिए हम एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीट हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है. हम विकास के मुद्दे पर एनडीए के साथ जा रहे हैं. उन्होंने 'हम' के किसी भी पार्टी में विलय के प्रश्नों को भी पूरी तरह से नकार दिया.

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जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम

मांझी ने की सीएम नीतीश से मुलाकात
मांझी ने इससे पहले 27 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने अपने पत्ते नहीं खोले थे, लेकिन इतना तय माना जा रहा था कि 'हम' अब एनडीए में शामिल होगी.

तीसरे मोर्चे की होनी थी घोषणा
इसके बाद हालांकि मांझी की नजदीकियां पप्पू यादव के जन अधिकार पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से भी बढ़ी. इसके बाद 2 सितंबर को कथित तीसरे मोर्चें को लेकर एक घोषणा की जानी थी, लेकिन 'हम' ने मंगलवार को इस बैठक को रद्द कर दिया.

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जीतन राम मांझी और सीएम नीतीश कुमार

एनडीए के जरिए बेड़ा पार करने का फैसला
इस बीच, मांझी ने आज अपने पत्ते खोलते हुए 'हम' को एनडीए के जरिए ही बेड़ा पार कराने का फैसला ले लिया. इससे पहले मांझी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में थे, 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफो देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच रिश्ते में तल्खी की वजह से उन्हें पद से हटा दिया गया. इसके बाद मांझी ने अलग पार्टी बना ली.

महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की करते रहे थे मांग
बता दें कि आरजेडी, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और 'हम' के गठबंधन में मांझी लगातार समन्वय समिति बनाने की मांग करते रहे थे. वहीं, मांझी ने चेतावनी दी थी कि अगर समिति बनाने को लेकर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे महागठंधन छोड़कर अलग रास्ता चुन सकते हैं. इसके बाद मांझी ने महागठबंधन को छोड़ने की घोषणा कर दी. दरअसल, मांझी 2018 में एनडीए को छोडकर महागठबंधन में शामिल हुए थे.

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