पटनाः बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi Controversy) को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उनकी चर्चा खुले मंच से ब्राह्मणों को गाली देने (Jitan Ram Manjhi abused Brahmins) को लेकर है. मांझी ब्राह्मणों के लिए भद्दी गाली का इस्तेमाल करते हुए सनातनी आस्था को भी ठेस पहुंचाई है. हालांकि, बाद में इसके लिए उन्होंने माफी (Manjhi apologizes after Abusing Brahmin) मांगी है.
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दरअसल, मांझी एक वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि "आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे. लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्य नारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों का कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."
मांझी के इस बयान के बाद उनकी खूब किरकिरी होना शुरु हो गया. इसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा 'हम तो ये कहे अपने समाज के लोगों कि आज आस्था के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपया उड़ाया जाता है. लेकिन गरीब लोगों की भलाई नहीं हो रही है. जो शिड्यूल कास्ट के लोग हैं पहले पूजा-पाठ में उतना विश्वास नहीं करते थे. चाहे वो अपने देवताओं (तुलसीदास, मां शबरी) की पूजा करते थे. लेकिन अब तो आप लोगों के यहां पंडितजी भी आते हैं और आपलोगों को लाज-शर्म नहीं आता है कि वो कहते हैं कि बाबू हम खाएंगे नहीं, बाबू नगदे दे देना. फिर भी उनसे पूजा करवाते हैं.'
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"हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."- जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
बता दें कि जीतनराम मांझी अपने विवाद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. बीते दिनों उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए नए विवाद को जन्म दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि राम तो काल्पनिक हैं. राम से कई गुणा बड़े रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी थे.
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