नई दिल्ली/पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ( HAM ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ( Jitan Ram Manjhi ) ने अपने पुत्र एवं बिहार सरकार में मंत्री संतोष मांझी ( Santosh Suman ) के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) से उनके आवास पर मुलाकात की है. अमित शाह के साथ उनकी बैठक करीब 1 घंटे तक चली है. जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आंख का इलाज करना के लिए दिल्ली गए थे. 8 दिन बाद वे बुधवार ( 30 जून ) को पटना वापस लौटे हैं.
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बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बैठक के दौरान बिहार की मौजूदा सियासत, न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण के विषय पर बातचीत हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने इन लोगों को कहा था कि जीतन राम मांझी और उनके बेटे के साथ मीटिंग कर लीजिए.
मांझी की मांग
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, बैठक में जीतन राम मांझी ने यह मांग की है कि बिहार एनडीए में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए. उन्होंने यह भी मांग की है कि उनके पार्टी से किसी और विधायक को भी बिहार सरकार में मंत्री बनाया जाए. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि यूपी चुनाव में एनडीए से उनकी पार्टी को कुछ सीटें दी जाए.
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से एनडीए में जीतन राम मांझी का कद बढ़ गया है, लोजपा टूट गई है और चिराग पासवान एनडीए में रहेंगे या महागठबंधन में जाएंगे, इस पर अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. इसलिए जीतन राम मांझी को हर हाल में बीजेपी अपने साथ बनाए रखना चाहती है, वह बड़े दलित चेहरे हैं.
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मांझी को केंद्र में बनाया जा सकता है मंत्री
बता दें कि बिहार में जेडीयू बीजेपी गठबंधन को बहुमत नहीं है. बिहार में एनडीए की सरकार जीतन राम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के दम पर चल रही है. सूत्रों के अनुसार, खबरें यहां तक हैं कि जीतन राम मांझी को केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाया जा सकता है. जीतन राम मांझी को हर हाल में बीजेपी संतुष्ट रखना चाहती है क्योंकि खबरें आ रही थी कि वह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के भी संपर्क में हैं. बैठक के माध्यम से उनकी मांगों को पूरा करने और एनडीए को एकजुट रखने की कवायद की गई है.