पटना: बिहार में महापुरुषों के सिद्धांत और राष्ट्रवाद को लेकर सियासत शुरू है. बीजेपी राष्ट्रवाद के सहारे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है, तो वहीं जदयू महापुरुषों के सिद्धांत के आधार पर संगठन को धारदार बनाने की कोशिश में लगी है. जदयू में 20 से 22 फरवरी तक नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, हरिवंश सहित वरिष्ठ नेता नए प्रभारियों को महापुरुषों के सिद्धांत की घुट्टी पिलाएंगे. वहीं जदयू के सिद्धांत की बात पर आरजेडी नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है. आरजेडी के तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि आखिर कौन सा सिद्धांत है जो कभी बीजेपी के साथ, तो कभी कांग्रेस के साथ और कभी आरजेडी के साथ आ जाते हैं.
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विपक्ष का निशाना
जदयू में महापुरुषों के सिद्धांत पर पार्टी को आगे ले जाने की कवायद चर्चा में है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि इसके लिए 3 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. वहीं कार्यक्रम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे.
महापुरूषों के विचार बनेंगे पावर बूस्टर?
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि पुरखों का जो योगदान रहा है, पार्टी उसी धारा का नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधित्व करती रही है. पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने पुरखों की विचारधारा के बारे में जानकारी देने के लिए ही पार्टी प्रशिक्षण कार्यक्रम कर रही है. इसमें कई सत्रों में लोकसभा प्रभारी, जिला अध्यक्ष और प्रवक्ताओं को पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशिक्षित करेंगे.
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'सिद्धांतहीन व्यक्ति हैं नीतीश कुमार'
वहीं इस संबंध में आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सिद्धांतहीन व्यक्ति हैं. आखिर कौन सा सिद्धांत है कि कभी बीजेपी के साथ चले जाते हैं, कभी आरजेडी के साथ तो कभी कांग्रेस के साथ या कभी अन्य दलों के साथ चल देते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार दूसरों को दिखाने के लिए सिद्धांत की बात करते हैं लेकिन खुद किसी सिद्धांत पर काम नहीं करते हैं.
बीजेपी ने इस पहल का किया स्वागत
वहीं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि पार्टी को आरजेडी और कांग्रेस जैसी पार्टी से नसीहत की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस और आरजेडी विचारधारा की बात करती है तो इससे अधिक त्रासदी की बात नहीं हो सकती है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कुनबा परस्ती वंशवाद और भ्रष्टाचार के साथ किसी तरह सत्ता हासिल करना ही इनकी विचारधारा है. वहीं जदयू के सिद्धांत वाली बात पर सहयोगी बीजेपी का कहना है यह अच्छी बात है. उनका कहना है कि हम राष्ट्रवाद और सिद्धांतवाद के सहारे बिहार और देश में काम करते रहे हैं. ऐसे में हमारा सहयोगी भी पुरखों के सिद्धांत के आधार पर पार्टी को चलाने पर काम करता है तो यह तो अच्छी बात है.
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20 फरवरी से शुरू हो रहा है जदयू के प्रशिक्षण शिविर की मुख्य बातें-
- प्रशिक्षण शिविर तीन दिवसीय होगा.
- पार्टी के कर्पूरी सभागार में कई सत्रों में होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम.
- प्रशिक्षण शिविर में व्यवहारिक समाजवाद, अहिंसा, संचार सृजनात्मकता, नेतृत्व विकास और सोशल मीडिया जैसे विषयों पर विशेष रूप से चर्चा होगी.
- गांधी, जेपी, लोहिया, अंबेडकर और कर्पूरी के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान भी किया जाएगा.
- सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के कामकाज का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कैसे हो उस पर भी चर्चा होगी.
- सोशल मीडिया से पार्टी को नुकसान ना हो इस पर भी मंथन होगा.
- प्रशिक्षण कार्यक्रम में नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, हरिवंश, वशिष्ठ नारायण सिंह, राम बच्चन राय, उमेश कुशवाहा और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
- सभी नए जिला प्रभारी, नए लोकसभा प्रभारी और नए जिला प्रवक्ता प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लेगें.
सिद्धांतवाद की बात
विधानसभा चुनाव में जदयू के बेहतर परफॉर्मेंस नहीं होने के बाद से पार्टी लगातार महापुरुषों के सिद्धांत पर अमल करने की बात कर रही है. वहीं अब प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी उसका असर दिखेगा. सभी जिला प्रवक्ताओं को महापुरुषों के सिद्धांत के आधार पर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके लिए पार्टी ने पहले ही कार्यक्रम घोषित कर रखा है.