पटनाः लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के एक और मामले में दोषी करार (Lalu Yadav Convicted in Fodder Scam) दिए जाने के बाद राजद खेमे में निराशा है. पिता को दोषी करार दिए जाने के बाद उनके बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) का दर्द छलक पड़ा है. उन्होंने कहा कि वे अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए बिहार में न्याय यात्रा (Nyay Yatra For Lalu Yadav Justice) करेंगे. इस पर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने तंज कसा है.
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जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर भारी घमासान है. इधर दोनों भाइयों ने आज तक कोई भी यात्रा पूरी नहीं की है. चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को जो सजा हुई है, उसे घूम-घूम कर बताएंगे लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही विवाद साफ दिखा था, जब तेजस्वी यादव बोल रहे थे तो बीच में ही तेज प्रताप यादव बाहर निकल गए थे. दोनों भाई यात्रा की घोषणा तो जरूर करते हैं लेकिन कभी कोई यात्रा पूरी नहीं हुई है. एक तरफ तेज प्रताप यादव न्याय यात्रा करेंगे तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव बेरोजगारी पर यात्रा करने वाले हैं. यह पूरी तरह से राष्ट्रीय अध्यक्ष की लड़ाई जैसी है.
तेजप्रताप यादव ने 15 फरवरी को छात्र जनशक्ति परिषद की बैठक के बाद न्याय यात्रा निकालने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि न्याय यात्रा के तहत अपने पिता के लिए प्रदेश सहित देशभर में अभियान चलाएंगे. तेजप्रताप ने अभियान के तहत टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है, जिससे उनके अभियान के साथ जुड़ा जा सकता है. बता दें कि चारा घोटाला में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को दोषी ठहराया है. इस मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस किया गया था.
बता दें कि चारा घोटाले (Lalu Yadav Fodder Scam) के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन मामले में दोषी करार दिये गए. राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत 38 दोषियों को विशेष सीबीआई अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सजा सुनाई है. कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही उनके ऊपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. रांची में सीबीआई के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया.
इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे. चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में चौदह वर्ष तक की सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ अदालत ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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