पटना: आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लालू प्रसाद का चुना जाना तय है. लेकिन इस चुनाव पर जदयू और कांग्रेस नेताओं ने निशाना साधा है. एक तरफ जहां जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लालू के बिना आरजेडी का कोई मतलब नहीं और यदि चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव कराना अनिवार्य नहीं होता, तो पार्टी के लोग चुनाव भी कराने की कोई जरूरत नहीं समझते. आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ही बने रहते. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों के नेता अध्यक्ष रहकर राजनीति की रोटी सेंकते हैं.
बिहार में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है आरजेडी
आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. 82 विधायकों के हिसाब से भी राजद सबसे बड़ी पार्टी है. अभी हाल ही में जगदानंद सिंह को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर एक बार फिर से लालू यादव का चुना जाना तय है. लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जदयू ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि चुनाव आयोग की अनिवार्यता नहीं होती, तो लालू प्रसाद आरजेडी के आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहते. ऐसे भी लालू यादव के बिना राजद का कोई मतलब नहीं है.
'पार्टी तय करेगी राष्ट्रीय अध्यक्ष'
हालांकि जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दलों में जदयू में पारदर्शिता से चुनाव होता है और पहले किसी को नहीं पता होता कि कौन अध्यक्ष बनेगा. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने क्षेत्रीय दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों के नेता स्वयं अध्यक्ष बनकर राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक आरजेडी की बात है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष किसे बनाया जाए, यह दल के नेता ही तय करेंगे. यह उनकी पार्टी है.
महत्वपूर्ण पदों पर होता है परिवार का कब्जा
अधिकांश क्षेत्रीय दलों में पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर परिवार के सदस्यों का ही कब्जा रहता है. आरजेडी भी उससे अछूती नहीं है. राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर विधान सभा और विधान परिषद के नेता विरोधी दल का पद भी परिवार के पास ही है. जिन नेताओं को पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिया गया है, वह भी पार्टी के वफादार ही हैं और आरजेडी में आज पार्टी के लोग लालू प्रसाद को ही अपना नेता मानते हैं. लालू प्रसाद यादव लंबे समय से जेल में है. इसके बावजूद पार्टी उनके अलावा किसी और को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बैठाने की सोचेगी, ऐसा कहीं से लगता नहीं है.