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नीतीश का गुण गाने उतरी JDU प्रवक्ताओं की टीम, विपक्ष को बताया राजनीतिक कोरोना रोगी

जदयू (JDU) के प्रवक्ताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 साल में किये गए काम गिनाये. इस दौरान नीरज कुमार ने विपक्ष को राजनीतिक कोरोना का रोगी बताया.

Press conference of JDU spokespersons
जदयू के प्रवक्ताओं का प्रेस कॉन्फ्रेंस.
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Published : Aug 8, 2021, 3:51 PM IST

पटना: जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा 15 साल में किये गए काम को घर-घर तक पहुंचाने का टास्क दिया था. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार रविवार को जदयू के प्रवक्ताओं की टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए कामों को गिनाया.

यह भी पढ़ें- उपेन्द्र कुशवाहा से मुलाकात करने पहुंचे JDU अध्यक्ष ललन सिंह, बंद कमरे में हुई बात

मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधने के साथ ही नीतीश सरकार द्वारा किये काम की तारीफ की. विपक्ष की ओर इशारा करते हुए नीरज ने कहा, 'कुछ लोग राजनीतिक कोविड-19 के शिकार रहे हैं. बिहार कृषि प्रधान राज्य है. 15 साल पहले बिहार में सिर्फ 2 कृषि महाविद्यालय थे. नीतीश कुमार के शासनकाल में 16 कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय बनाए गए.'

जदयू के प्रवक्ताओं का प्रेस कॉन्फ्रेंस.

"बिहार देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां कृषि की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 2 हजार रुपये स्टाइपेंड दिया जाता है. पहले जिनकी सरकार थी वे लोग बिहार को कृषि प्रधान तो कहते रहे, लेकिन राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा, 'बिहार देश का पहला राज्य है जिसने कोरोना के कारण मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये दिया. कई राज्यों ने इसका अनुकरण किया है. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही सोच थी. वहीं, जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, 'विपक्ष क्या-क्या आरोप लगाता था, लेकिन हमने कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर की कठिन चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है. अब तीसरी लहर के लिए भी हमारी तैयारी पूरी है.'

"बिहार की कुल वयस्क आबादी में से 50 फीसदी का कोरोना जांच हो चुका है. कई राज्य ऐसे हैं जहां की सरकार कोरोना के चलते मरने वालों के परिजनों को 25 या 50 हजार रुपये दे रही है. मीडिया में इसकी चर्चा होती है. हमारे नेता ने 4 लाख रुपये देने का फैसला किया, लेकिन इसे मीडिया में उतनी तवज्जो नहीं मिली."- अजय आलोक, प्रवक्ता, जदयू

प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, 'बिहार कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) के मामले में भी लगातार तेजी से काम कर रहा है. हम लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं.' जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को धारदार बनाने की कोशिश हो रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का मकसद भी यही है कि लोगों के बीच सरकार ने जो काम किया है वह पहुंचे.

यह भी पढे़ं- संजय जायसवाल की सलाह- समर्थन करने वाले पहले जातिगत जनगणना के लाभ और हानि पर कर लें चर्चा

पटना: जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा 15 साल में किये गए काम को घर-घर तक पहुंचाने का टास्क दिया था. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार रविवार को जदयू के प्रवक्ताओं की टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए कामों को गिनाया.

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मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधने के साथ ही नीतीश सरकार द्वारा किये काम की तारीफ की. विपक्ष की ओर इशारा करते हुए नीरज ने कहा, 'कुछ लोग राजनीतिक कोविड-19 के शिकार रहे हैं. बिहार कृषि प्रधान राज्य है. 15 साल पहले बिहार में सिर्फ 2 कृषि महाविद्यालय थे. नीतीश कुमार के शासनकाल में 16 कृषि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय बनाए गए.'

जदयू के प्रवक्ताओं का प्रेस कॉन्फ्रेंस.

"बिहार देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां कृषि की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह 2 हजार रुपये स्टाइपेंड दिया जाता है. पहले जिनकी सरकार थी वे लोग बिहार को कृषि प्रधान तो कहते रहे, लेकिन राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा, 'बिहार देश का पहला राज्य है जिसने कोरोना के कारण मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये दिया. कई राज्यों ने इसका अनुकरण किया है. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही सोच थी. वहीं, जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, 'विपक्ष क्या-क्या आरोप लगाता था, लेकिन हमने कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर की कठिन चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है. अब तीसरी लहर के लिए भी हमारी तैयारी पूरी है.'

"बिहार की कुल वयस्क आबादी में से 50 फीसदी का कोरोना जांच हो चुका है. कई राज्य ऐसे हैं जहां की सरकार कोरोना के चलते मरने वालों के परिजनों को 25 या 50 हजार रुपये दे रही है. मीडिया में इसकी चर्चा होती है. हमारे नेता ने 4 लाख रुपये देने का फैसला किया, लेकिन इसे मीडिया में उतनी तवज्जो नहीं मिली."- अजय आलोक, प्रवक्ता, जदयू

प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा, 'बिहार कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) के मामले में भी लगातार तेजी से काम कर रहा है. हम लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं.' जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को धारदार बनाने की कोशिश हो रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का मकसद भी यही है कि लोगों के बीच सरकार ने जो काम किया है वह पहुंचे.

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