पटना: जातीय गणना को लेकर सियासत थम नहीं रहा है. पटना हाई कोर्ट ने जातीय गणना के मामले में बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. इसके बाद याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गये हैं. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस मामले पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा इन लोगों की कोशिश होगी कि किसी तरह साजिश रच कर जातीय गणना को रोका जाए. लेकिन हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए बिहार में जातीय गणना पर तत्काल रोक लगाने से इंकार कर दिया.
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"बीजेपी के लोग हमेशा इस बात का ढोंग किया है कि वे लोग जातीय गणना के समर्थन में हैं, लेकिन वास्तविकता यह है यूथ फॉर इक्वलिटी संस्था के माध्यम से इन लोगों ने सुनियोजित साजिश के तहत पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की जहां न्याय की जीत हुई. बिहार सरकार के हित में बिहार के लोगों के हित में फैसला आया और फिर जातीय गणना का काम शुरू हो चुका है."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
जदयू ने न्याय प्रणाली पर जताया भरोसाः अभिषेक झा ने कहा अब इन लोगों की कोशिश होगी सुप्रीम कोर्ट में साजिश रच कर जातीय गणना को रोका जाए, लेकिन हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से भी फैसला बिहार के हित में आएगा. नीतीश सरकार जातीय गणना को पूरा कराने के लिए पूरी ताकत लगाई हुई है. पटना हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद इस पर तेजी से काम हो रहा है. सरकार 500 करोड़ की राशि जातीय गणना कराने पर खर्च कर रही है.
जातीय गणना को लेकर अबतक क्या हुआ: 9 जून 2022 को बिहार सरकार जातीय गणना कराने की अधिसूचना जारी की. 7 जनवरी 2023 से बिहार में जातीय गणना की प्रक्रिया शुरू हुई थी. दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ और 15 मई तक इसे पूरा करना था. इस बीच पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दी. एक अगस्त को हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया.