पटना: विधानसभा में समितियों को लेकर तेजस्वी यादव के पत्र से विवाद बढ़ने लगा है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से यह उम्मीद तो जरूर की जा सकती है कि उन्हें वैधानिक चीजों का ज्ञान हो और विधायी प्रक्रिया की जानकारी हो. कौन सा समिति किसे मिलेगा यह विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है. इसको लेकर पत्र लिखना समझ से परे है.
राजीव रंजन ने तेजस्वी पर साधा निशाना
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने को लेकर निशाना साधा है. राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव दूसरी बार विधानसभा में चुनकर आए हैं. उनसे इतनी तो उम्मीद जरूर की जा सकती है कि उन्हें विधायी प्रक्रिया की जानकारी होगी.
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मान्य परंपरा का नेता प्रतिपक्ष करें पालन
'विधानसभा और विधान परिषद में समितियों के गठन को लेकर अध्यक्ष और सभापति को विशेषाधिकार है. नेता प्रतिपक्ष की ओर से समितियों के नाम पहले मांगना समझ से परे है. विधानसभा अध्यक्ष ने भी इस मामले में अपनी बात रखी है और उन्हें भी मान्य परंपरा का पालन करना चाहिए.'- राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू
प्रमुख कमेटियों पर नजर
विधानसभा में कुल 25 कमिटियां है जिसमें से तीन कमिटियों के चेयरमैन खुद विधानसभा अध्यक्ष होते हैं. बाकी बचे 22 कमिटियों में विधानसभा अध्यक्ष सदन में दलों के संख्या बल के हिसाब से आवंटित करते हैं. लेकिन तेजस्वी यादव के पत्र से विवाद शुरू हो गया है और इस पर सियासत भी होने लगी है. ऐसे विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने साफ कर दिया है कि जो भी विधानसभा की नियमावली की प्रक्रिया है उसके हिसाब से हैं तय समय पर समितियों का आवंटन होगा और उसमें परंपरा का भी ध्यान रखा जाएगा.