पटना: विपक्षी दलों की बैठक से पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एनडीए में शामिल हो गये. बुधवार को दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने यह घोषणा की. जीतन राम मांझी के फैसले पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कहा कि, जीतन राम मांझी पहले से एनडीए और भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे.
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एनडीए में शामिल होना स्वभाविकः जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी का एनडीए में शामिल होना स्वाभाविक था. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को जो सम्मान दिया, कोई दूसरा दे सकता है क्या? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया. उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया. इतना सम्मान देने के बाद भी जीतन राम मांझी कतिपय कारणों से या व्यक्तिगत लाभ के लिए भाजपा के साथ चले गए.
"जीतन राम मांझी भाजपा को ही मुबारक हो. जीतन राम मांझी के साथ हम लोगों की शुभकामनाएं है. भाजपा वाले जानें उन्हें ऐसे लोगों को कैसे टैकल करना है. मेरी शुभकामना भाजपा के साथ भी है"- डॉ सुनील कुमार सिंह, जदयू प्रवक्ता
महागठबंधन छोड़ा थाः बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने 13 जून को नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. जीतन राम मांझी नीतीश कुमार पर पार्टी को विलय करने का दबाव देने का आरोप लगाया था. बाद में राज्यपाल को पत्र सौंपकर महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने की भी घोषणा की थी. 13 अप्रैल को अमित शाह से मुलाकात के बाद से ही मांझी के एनडीए में जाने की चर्चाएं तेज हो गई थीं.