नई दिल्ली/पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली वासियों का दिल जीतते हुए प्रचंड जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 सीटों में से 62 सीटें अपने नाम की हैं, तो वहीं, एनडीए गठबंधन की मुख्य पार्टी बीजेपी मात्र 8 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी. बात करें यूपीए गठबंधन की, तो उसका खाता तक नहीं खुल सका. इस चुनाव में पूर्वांचल वोट के चलते बिहार की प्रमुख स्थानीय पार्टियों के साथ एनडीए और यूपीए गठबंधन किया गया था. जो विफल हो गया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव- 2020 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी के साथ गठबंधन किया था. गठबंधन में बीजेपी 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. वहीं, जेडीयू के हिस्से में दो और एलजेपी के खाते में एक सीट थी. इस गठबंधन का एनडीए को कोई फायदा नहीं मिला. जेडीयू और एलजेपी को तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
- जेडीयू ने बुराड़ी से शैलेंद्र कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था
- संगम विहार से शिवचरण लाल गुप्ता जेडीयू प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे.
- एलजेपी ने गठबंधन के बाद सीमापुरी सीट से रतनलाल चावरिया को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्हें भी हार का सामना करना पड़ा.
एनडीए गठबंधन के बाद स्टार प्रचारक के तौर पर अमित शाह के साथ नीतीश कुमार और चिराग पासवान ने लगातार चुनाव प्रचार किया था. इसके बावजूद दिल्ली की जनता ने इन्हें नहीं अपनाया.
यूपीए गठबंधन भी रहा फ्लॉप
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन में चुनाव लड़ा गया. कांग्रेसी ने 66 और आरजेडी 4 ने सीटों पर चुनाव लड़ा. आरजेडी के खाते में पालम, उत्तम नगर, किरारी, बुराड़ी विधानसभा सीट थी. इन चारों सीटों पर आरजेडी को जीत नहीं मिल सकी. यही नहीं कांग्रेस का भी खाता नहीं खुल सका.
- पालम विधानसभा सीट से आरजेडी ने निर्मल कुमार सिंह को उतारा था.
- उत्तम नगर सीट पर आरजेडी ने शक्ति कुमार बिश्नोई को चुनावी मैदान में उतारा था.
- किराड़ी सीट पर आरजेडी ने मो. रियाजद्दीन खान को चुनावी मैदान में उतारा था.
- बुराड़ी सीट पर आरजेडी के प्रमोद त्यागी को उम्मीदवार बनाया था.
दिल्ली में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका. हालांकि, इस चुनाव में स्टार प्रचारक खुद तेजस्वी यादव सभी सीटों पर चुनाव प्रचार करने गए थे. उनके साथ बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा भी दिखाई दिए.