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Rajya Sabha By Election: JDU कैंडिडेट अनिल हेगड़े ने किया नामांकन, CM नीतीश रहे मौजूद - Nomination for Rajya Sabha by election

राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन (Nomination for Rajya Sabha by election) का आज अंतिम दिन है. ऐसे में आज जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े (JDU Rajya Sabha candidate Anil Hegde) ने अपना नोमिनेशन दाखिल कर दिया है. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे. किंग महेंद्र के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर 30 मई को मतदान होना है.

अनिल हेगड़े का नामांकन
अनिल हेगड़े का नामांकन
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Published : May 19, 2022, 9:26 AM IST

Updated : May 19, 2022, 1:03 PM IST

पटना: बिहार में राज्यसभा उपचुनाव (Rajya Sabha By Election 2022) के लिए नॉमिनेशन का आज अंतिम दिन है. एक मात्र सीट पर होने इस उपचुनाव के लिए जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े (JDU Rajya Sabha candidate Anil Hegde) ने नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया है. उनके नॉमिनेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar), सरकार के मंत्री और एनडीए के कई नेता भी मौजूद थे. हालांकि इस दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नदारख दिखे. किंग महेंद्र के निधन के कारण राज्यसभा की यह सीट खाली हुई है. 27 दिसंबर 2021 से ही यह सीट रिक्त है.

ये भी पढ़ें: JDU राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर अनिल हेगड़े बोले- 'मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं का किया सम्मान'

30 मई को चुनाव: चुनाव आयोग ने 30 मई को मतदान कराने का फैसला लिया है और आज नामांकन का अंतिम दिन है. 23 मई तक नामांकन वापस ले सकते हैं. 30 मई को सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन शाम 5:00 बजे तक वोटों की गिनती कर दी जाएगी. हालांकि अनिल हेगड़े का निर्विरोध चुना जाना तय है.

अनिल हेगड़े पुराने समाजवादी: अनिल हेगड़े पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 31 सालों से जुड़े हुए हैं. 12 साल से पटना जेडीयू कार्यालय में उनका आवास रहा है. अनिल हेगड़े के चयन करने से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी है. निर्वाचित होने के बाद अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा. अनिल हेगड़े लंबे समय तक जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी रहे और 38 वर्षों तक लगातार एक कार्यकर्ता के रूप में भूमिका निभाई है. डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5150 दिनों तक लगातार दिल्ली में प्रतीकात्मक विरोध कार्यक्रम आयोजित करते रहे.

सादगी के चलते खास पहचान: वे 1994 से 2008 तक जॉर्ज फर्नांडिस के खास रहे. पार्टी के प्रस्ताव बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा करती थी. उडुपी जिले के एक साधारण परिवार में जन्में अनिल हेगड़े के पिता किसान थे. अनिल हेगड़े पिछले 12 साल से पटना में जेडीयू कार्यालय में ही रहते हैं. सादगी के लिए कार्यकर्ताओं के बीच उनकी खास पहचान है. हेगड़े की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिन्हें कभी किसी पद का लोभ नहीं रहा. जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कभी किसी पद की मांग नहीं की. वे पार्टी के निर्वाचन अधिकारी के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं. अनिल हेगड़े को लेकर कहा जाता है कि वे समाजवादी विचारधारा के नेता हैं.

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पटना: बिहार में राज्यसभा उपचुनाव (Rajya Sabha By Election 2022) के लिए नॉमिनेशन का आज अंतिम दिन है. एक मात्र सीट पर होने इस उपचुनाव के लिए जेडीयू के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े (JDU Rajya Sabha candidate Anil Hegde) ने नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया है. उनके नॉमिनेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar), सरकार के मंत्री और एनडीए के कई नेता भी मौजूद थे. हालांकि इस दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नदारख दिखे. किंग महेंद्र के निधन के कारण राज्यसभा की यह सीट खाली हुई है. 27 दिसंबर 2021 से ही यह सीट रिक्त है.

ये भी पढ़ें: JDU राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर अनिल हेगड़े बोले- 'मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं का किया सम्मान'

30 मई को चुनाव: चुनाव आयोग ने 30 मई को मतदान कराने का फैसला लिया है और आज नामांकन का अंतिम दिन है. 23 मई तक नामांकन वापस ले सकते हैं. 30 मई को सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन शाम 5:00 बजे तक वोटों की गिनती कर दी जाएगी. हालांकि अनिल हेगड़े का निर्विरोध चुना जाना तय है.

अनिल हेगड़े पुराने समाजवादी: अनिल हेगड़े पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 31 सालों से जुड़े हुए हैं. 12 साल से पटना जेडीयू कार्यालय में उनका आवास रहा है. अनिल हेगड़े के चयन करने से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी है. निर्वाचित होने के बाद अनिल हेगड़े का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा. अनिल हेगड़े लंबे समय तक जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी रहे और 38 वर्षों तक लगातार एक कार्यकर्ता के रूप में भूमिका निभाई है. डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5150 दिनों तक लगातार दिल्ली में प्रतीकात्मक विरोध कार्यक्रम आयोजित करते रहे.

सादगी के चलते खास पहचान: वे 1994 से 2008 तक जॉर्ज फर्नांडिस के खास रहे. पार्टी के प्रस्ताव बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा करती थी. उडुपी जिले के एक साधारण परिवार में जन्में अनिल हेगड़े के पिता किसान थे. अनिल हेगड़े पिछले 12 साल से पटना में जेडीयू कार्यालय में ही रहते हैं. सादगी के लिए कार्यकर्ताओं के बीच उनकी खास पहचान है. हेगड़े की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिन्हें कभी किसी पद का लोभ नहीं रहा. जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कभी किसी पद की मांग नहीं की. वे पार्टी के निर्वाचन अधिकारी के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं. अनिल हेगड़े को लेकर कहा जाता है कि वे समाजवादी विचारधारा के नेता हैं.

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Last Updated : May 19, 2022, 1:03 PM IST
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