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'चार नेताओं ने 2017 में नीतीश को महागठबंधन छोड़ने की गलत सलाह दी' - Bihar Politics

JDU President Lalan Singh ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के 4 नेताओं की गलत सलाह पर वर्ष 2017 में महागठबंधन छोड़कर एनडीए के साथ सरकार बनाई थी जोकि बाद में बड़ी भूल साबित हुई.

JDU President Lalan Singh
JDU President Lalan Singh
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Published : Aug 11, 2022, 10:21 AM IST

Updated : Aug 11, 2022, 10:31 AM IST

पटना: जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 2017 में चार लोगों की गलत सलाह पर महागठबंधन छोड़ दिया और एनडीए के साथ सरकार बनाई. उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का कोई मतलब नहीं था, क्योंकि जांच एजेंसी द्वारा चार्जशीट दायर की गई थी लेकिन मुकदमा शुरू नहीं हुआ था.

यह भी पढ़ें: नीतीश का BJP पर निशाना- '2024 में हम रहें या न रहें, 2014 वाले नहीं रहेंगे'

''चार सलाहकारों में से एक संजय झा थे जो अभी भी जेडीयू में हैं और मेरे साथ बैठे हैं. उन्होंने उस मौके पर मुख्यमंत्री को महागठबंधन छोड़कर राजग में शामिल होने की गलत सलाह दी थी. दूसरे नेता हरिवंश (हरिवंश नारायण सिंह) थे, जो वर्तमान में राज्यसभा के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने की सलाह दी. हरिवंश जेडीयू के एकमात्र नेता थे, जो बैठक में नहीं आये. जब मैंने उनसे फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने मुझे बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में लाये और वह उनके फैसले का समर्थन करते हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने कहा, "एक अन्य सलाहकार आरसीपी सिंह थे जो वर्तमान में बीजेपी के एजेंट के रूप में घूम रहे हैं. वह जेडीयू के साथ रह रहे थे और बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे. बीजेपी का एक प्रभारी नियमित रूप से उनके घर जाते थे और उनसे नीतीश से मांग करने के लिए कहते थे. यदि वे उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो वे आपके आदमी होंगे. चुनाव हारने पर नीतीश कुमार कमजोर हो जाते हैं.''

'बीजेपी के कथनी और करनी में अंतर': ललन सिंह ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार को बर्दाश्त करने की क्षमता थी तब तक बर्दाश्त किया. कथनी और करनी में जब अंतर होगा तो जो आज हुआ वही होगा. सुशील मोदी के इस बयान पर उपराष्ट्रपति नहीं बनाए गए इसलिए एनडीए से नीतीश कुमार ने नाता तोड़ लिया. ललन सिंह ने कहा नीतीश कुमार ने कह दिया था कि उम्मीदवार नहीं है. सुशील मोदी झूठ बोल रहे हैं, लेकिन यदि उनको कुछ बोलने से उनका पुर्नावास हो जाता है तो कोई दिक्कत नहीं है. वे नीतीश कुमार के मित्र हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार विधानसभा में 24 अगस्त को बहुमत साबित करेंगे नीतीश

पटना: जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 2017 में चार लोगों की गलत सलाह पर महागठबंधन छोड़ दिया और एनडीए के साथ सरकार बनाई. उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का कोई मतलब नहीं था, क्योंकि जांच एजेंसी द्वारा चार्जशीट दायर की गई थी लेकिन मुकदमा शुरू नहीं हुआ था.

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''चार सलाहकारों में से एक संजय झा थे जो अभी भी जेडीयू में हैं और मेरे साथ बैठे हैं. उन्होंने उस मौके पर मुख्यमंत्री को महागठबंधन छोड़कर राजग में शामिल होने की गलत सलाह दी थी. दूसरे नेता हरिवंश (हरिवंश नारायण सिंह) थे, जो वर्तमान में राज्यसभा के उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने की सलाह दी. हरिवंश जेडीयू के एकमात्र नेता थे, जो बैठक में नहीं आये. जब मैंने उनसे फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने मुझे बताया कि नीतीश कुमार ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में लाये और वह उनके फैसले का समर्थन करते हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

ललन सिंह ने कहा, "एक अन्य सलाहकार आरसीपी सिंह थे जो वर्तमान में बीजेपी के एजेंट के रूप में घूम रहे हैं. वह जेडीयू के साथ रह रहे थे और बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे. बीजेपी का एक प्रभारी नियमित रूप से उनके घर जाते थे और उनसे नीतीश से मांग करने के लिए कहते थे. यदि वे उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीत जाते हैं, तो वे आपके आदमी होंगे. चुनाव हारने पर नीतीश कुमार कमजोर हो जाते हैं.''

'बीजेपी के कथनी और करनी में अंतर': ललन सिंह ने कहा कि जब तक नीतीश कुमार को बर्दाश्त करने की क्षमता थी तब तक बर्दाश्त किया. कथनी और करनी में जब अंतर होगा तो जो आज हुआ वही होगा. सुशील मोदी के इस बयान पर उपराष्ट्रपति नहीं बनाए गए इसलिए एनडीए से नीतीश कुमार ने नाता तोड़ लिया. ललन सिंह ने कहा नीतीश कुमार ने कह दिया था कि उम्मीदवार नहीं है. सुशील मोदी झूठ बोल रहे हैं, लेकिन यदि उनको कुछ बोलने से उनका पुर्नावास हो जाता है तो कोई दिक्कत नहीं है. वे नीतीश कुमार के मित्र हैं.

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Last Updated : Aug 11, 2022, 10:31 AM IST
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