पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections in Bihar) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब महागठबंधन एक बार फिर एनडीए पर हमलावर हो गया है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने इसको लेकर बीजेपी सांसद सुशील मोदी पर निशाना साधा और निकाय चुनाव रुकवाने का आरोप लगाया. ट्वीट कर कहा आपकी साजिश विफल हुए, अब तय समय पर होगा चुनाव.
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ललन सिंह ने सुशील मोदी पर हमला बोला: जेडीयू अध्यक्ष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "सुशील जी, नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त कराने और चुनाव रुकवाने के प्रयास में भाजपा विफल हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय में नगर निकाय चुनाव स्थगित कराने एवं एकलपद पर आरक्षण समाप्त करने के लिए एसएलपी दायर कर तुरंत सुनवाई के लिए....."
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सुशील जी,
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) December 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त कराने और चुनाव रुकवाने के प्रयास में भाजपा विफल हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय में नगर निकाय चुनाव स्थगित कराने एवं एकलपद पर आरक्षण समाप्त करने के लिए एसएलपी दायर कर तुरंत सुनवाई के लिए.....
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नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त कराने और चुनाव रुकवाने के प्रयास में भाजपा विफल हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय में नगर निकाय चुनाव स्थगित कराने एवं एकलपद पर आरक्षण समाप्त करने के लिए एसएलपी दायर कर तुरंत सुनवाई के लिए.....
तत्काल हस्तक्षेप करने की मांगः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता सुनील कुमार की ओर से गुहार लगायी गयी कि मामले की अर्जेंसी को देखते हुए आवेदनों को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जाये. यह न सिर्फ याचिकाकर्ता के हित में होगा, बल्कि राज्य और आम जनता के हित में भी होगा. बिहार में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए यह न्याय के हित में होगा कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल इस मामले को सुने. कोर्ट ने 20 जनवरी की अगली तारीख दे रखा (Supreme Court On Municipal Election in Bihar ) है. उस समय तक पूरी चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिये.
आदेश के उल्लंघन का आरोपः याचिका दायर करने वाले ने सुप्रीम कोर्ट के रिकार्ड में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना और उस पर रोक लगाने का आवेदन दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसंबर को दायर आवेदन में कहा गया है कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की 30 नवंबर की चुनावी अधिसूचना इन आशंकाओं की पुष्टि करता है कि ओबीसी श्रेणी के साथ-साथ ईबीसी श्रेणी को कवर करने वाले ट्रिपल टेस्ट का कोई अनुपालन नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 नवंबर और 1 दिसंबर को दिये गये आदेश का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है.
कब होना है चुनावः बता दें कि बिहार में दो चरणों में 224 शहरी निकाय चुनाव होने हैं. इनमें 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद और 137 नगर पंचायत की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षद की सीटें पर चुनाव होने हैं. निकाय चुनाव में राज्य के कुल एक करोड़ 14 लाख 52 हजार 759 मतदाता हिस्सा लेंगे. सरकार ने 18 को पहले चरण और 28 दिसंबर को दूसरे चरण में मतदान करवाने का फैसला किया.
तीन पदों के लिए होगी वोटिंगः नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा.
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