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मिशन 2020 से पहले NDA में शीट शेयरिंग पर घमासान, पीके के बयान ने मचाया बवाल

झारखंड चुनाव के पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव के नतीजों के बाद जदयू कुछ नया राजनीतिक चाल चलेगी. हुआ भी वैसा ही झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद जदयू की ओर से सीट शेयरिंग में ज्यादा सीट को लेकर दावा किया गया.

पटना
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Published : Dec 30, 2019, 11:52 PM IST

पटना: झारखंड चुनाव के बाद बिहार में सीट शेयरिंग का मामला शुरू हो गया है. जदयू नेता प्रशांत किशोर ने जेडीयू को एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में बताया. इस पर बीजेपी की ओर से भी पलटवार करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के बहाने जदयू नब्ज टटोलने की कोशिश कर रही है.

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बवाल
झारखंड चुनाव के पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव के नतीजों के बाद जदयू कुछ नया राजनीतिक चाल चलेगी. हुआ भी वैसा ही झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद जदयू की ओर से सीट शेयरिंग में ज्यादा सीट को लेकर दावा किया गया. प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगी.

जानकारी देते संवाददाता रंजीत

राजनीतिक हालात जानने की कोशिश
बताया जा रहा है कि यह पहला मौका नहीं है जब जदयू की तरफ से सीट शेयरिंग को लेकर कयास लगाया गया हो. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीट शेयरिंग को लेकर जब असमंजस की स्थिति थी तब कुछ जदयू नेताओं का बयान दिलवाकर राजनीतिक हालात जानने की कोशिश की गई थी. उसी तरह से एक बार फिर से जदयू की ओर से घटक दलों की प्रतिक्रिया जानने के लिए प्रशांत किशोर से बयान दिलवाया गया है.

बता दें कि जदयू जहां 2010 के फार्मूले पर सीट शेयरिंग में हिस्सा चाहती है. वहीं, भाजपा 50-50 के फॉर्मूले को मूर्त रूप देना चाहती है. 2010 के चुनाव में जदयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान फॉर्मूला बदला आधे-आधे पर हिस्सेदारी तय हुई.

पटना: झारखंड चुनाव के बाद बिहार में सीट शेयरिंग का मामला शुरू हो गया है. जदयू नेता प्रशांत किशोर ने जेडीयू को एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में बताया. इस पर बीजेपी की ओर से भी पलटवार करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के बहाने जदयू नब्ज टटोलने की कोशिश कर रही है.

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बवाल
झारखंड चुनाव के पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव के नतीजों के बाद जदयू कुछ नया राजनीतिक चाल चलेगी. हुआ भी वैसा ही झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद जदयू की ओर से सीट शेयरिंग में ज्यादा सीट को लेकर दावा किया गया. प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगी.

जानकारी देते संवाददाता रंजीत

राजनीतिक हालात जानने की कोशिश
बताया जा रहा है कि यह पहला मौका नहीं है जब जदयू की तरफ से सीट शेयरिंग को लेकर कयास लगाया गया हो. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीट शेयरिंग को लेकर जब असमंजस की स्थिति थी तब कुछ जदयू नेताओं का बयान दिलवाकर राजनीतिक हालात जानने की कोशिश की गई थी. उसी तरह से एक बार फिर से जदयू की ओर से घटक दलों की प्रतिक्रिया जानने के लिए प्रशांत किशोर से बयान दिलवाया गया है.

बता दें कि जदयू जहां 2010 के फार्मूले पर सीट शेयरिंग में हिस्सा चाहती है. वहीं, भाजपा 50-50 के फॉर्मूले को मूर्त रूप देना चाहती है. 2010 के चुनाव में जदयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन, लोकसभा चुनाव के दौरान फॉर्मूला बदला आधे-आधे पर हिस्सेदारी तय हुई.

Intro:झारखंड चुनाव संपन्न होते ही बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर झमेला शुरू हो गया है जदयू नेता प्रशांत किशोर ने पार्टी को बड़े भाई की भूमिका में बताया तो बीजेपी की ओर से भी पलटवार किया गया प्रशांत किशोर के बहाने जदयू नब्ज टटोलने की कोशिश कर रही है


Body:झारखंड चुनाव संपन्न होते ही सीट शेयरिंग को लेकर बवाल
झारखंड चुनाव के पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव के नतीजों के बाद जदयू कुछ नया राजनीतिक चाल चलेगी और हुआ भी वैसा ही झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद जदयू की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर दावा किया गया प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगी


Conclusion:बड़े भाई की भूमिका में रहेगी जदयू

यह पहला मौका नहीं है जब जदयू की तरफ से थर्मामीटर लगाया गया हो लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीट शेयरिंग को लेकर जब वह पोके स्थिति थी तब कुछ जदयू नेताओं के द्वारा बयान दिलवाकर थर्मामीटर लगाकर राजनीतिक पारा मापने की कोशिश हुई थी और एक बार फिर जदयू की ओर से घटक दलों की प्रतिक्रिया जानने के लिए प्रशांत किशोर के द्वारा बयान दिलवाया गया ।
आपको बता दें कि जदयू जहां 2010 के फार्मूले पर सीट शेयरिंग में हिस्सा चाहती है वहीं भाजपा 50-50 के फार्मूले को मूर्त रूप देना चाहती है । 2010 के चुनाव में जदयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान फार्मूला बदला आधे आधे पर हिस्सेदारी तय हुई
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