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CAA पर केरल सरकार के अनुरोध को JDU ने ठुकराया, कहा-हम कानून के साथ खड़े हैं - बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर बीजेपी जहां अपने स्टैंड पर कायम है वहीं कुछ राज्य अधिनियम के प्रारूप को लेकर आपत्ति जता रहे हैं. केरल सरकार ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया है. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर समर्थन मांगा था जिसे जेडीयू ने ठुकरा दिया.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन
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Published : Jan 5, 2020, 6:47 AM IST

पटनाः नागरिकता संशोधन अधिनियम पर केरल सरकार की तरफ से की गई अपील को जेडीयू ने ठुकरा दिया है. जेडीयू ने स्पष्ट कर दिया कि बिल के समर्थन में पार्टी संसद में सरकार का साथ दे चुकी है. ऐसे में अब इस पर विचार करने का सवाल ही नहीं है. हालांकि विपक्ष के आशंको को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से जरुर मांग की है.

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कई राज्य सरकार अपनी आपत्ति दर्ज करा रही है. वाम दलों के शासन वाला राज्य केरल लीडर की भूमिका में दिख रहा है. केरल ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर अपने राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू नहीं करने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रही है. केरल के सीएम ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर भी समर्थन मांगा है. बिहार के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है लेकिन जेडीयू ने केरल के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है.

केंद्र सरकार से जेडीयू ने किया अनुरोध
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि उनकी पार्टी ने बिल का समर्थन किया है और जेडीयू नागरिकता संशोधन अधिनियम के पक्ष में है. केरल की सरकार ने भले ही पत्र लिखा है लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है. हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार से कुछ बिंदुओं को लकेर अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक पार्टियां या राज्य सरकार अगर किसी बिंदु पर आपत्ति जता रही है तो उस पर सहमति बनाने की कोशिश की जानी चाहिए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कानून के विरोध में आरेजडी
दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आरजेडी लगातार विरोध दर्ज करा रही है. इसके खिलाफ पार्टी बिहार बंद का आयोजन भी कर चुकी है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भाजपा के तरीकों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. केरल में प्रस्ताव पारित कर विरोध जताने के तरीके पर शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर बात करनी चाहिए. राज्य सरकार और विपक्ष से बात कर सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए. शिवानंद तिवारी ने एतराज जताते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री जनता को धमकी दे रहे हैं और बदले की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने इसे लोकतंत्र में जायज नहीं बताया है.

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आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी

बीजेपी कर रही पुरजोर समर्थन
वहीं बिहार बीजेपी ने सीएए का पुरजोर समर्थन किया है. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र के विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. उस कानून को राज्यों को मानना अनिवार्य होता है.

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बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव

पटनाः नागरिकता संशोधन अधिनियम पर केरल सरकार की तरफ से की गई अपील को जेडीयू ने ठुकरा दिया है. जेडीयू ने स्पष्ट कर दिया कि बिल के समर्थन में पार्टी संसद में सरकार का साथ दे चुकी है. ऐसे में अब इस पर विचार करने का सवाल ही नहीं है. हालांकि विपक्ष के आशंको को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से जरुर मांग की है.

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कई राज्य सरकार अपनी आपत्ति दर्ज करा रही है. वाम दलों के शासन वाला राज्य केरल लीडर की भूमिका में दिख रहा है. केरल ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर अपने राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू नहीं करने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रही है. केरल के सीएम ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर भी समर्थन मांगा है. बिहार के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है लेकिन जेडीयू ने केरल के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है.

केंद्र सरकार से जेडीयू ने किया अनुरोध
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि उनकी पार्टी ने बिल का समर्थन किया है और जेडीयू नागरिकता संशोधन अधिनियम के पक्ष में है. केरल की सरकार ने भले ही पत्र लिखा है लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है. हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार से कुछ बिंदुओं को लकेर अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक पार्टियां या राज्य सरकार अगर किसी बिंदु पर आपत्ति जता रही है तो उस पर सहमति बनाने की कोशिश की जानी चाहिए.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कानून के विरोध में आरेजडी
दूसरी तरफ नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर आरजेडी लगातार विरोध दर्ज करा रही है. इसके खिलाफ पार्टी बिहार बंद का आयोजन भी कर चुकी है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भाजपा के तरीकों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. केरल में प्रस्ताव पारित कर विरोध जताने के तरीके पर शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर बात करनी चाहिए. राज्य सरकार और विपक्ष से बात कर सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए. शिवानंद तिवारी ने एतराज जताते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री जनता को धमकी दे रहे हैं और बदले की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने इसे लोकतंत्र में जायज नहीं बताया है.

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आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी

बीजेपी कर रही पुरजोर समर्थन
वहीं बिहार बीजेपी ने सीएए का पुरजोर समर्थन किया है. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र के विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है. उस कानून को राज्यों को मानना अनिवार्य होता है.

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बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव
Intro:नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भाजपा जहां अपने स्टैंड पर ही है वह कुछ राज्य अधिनियम के प्रारूप को लेकर आपत्ति जता रहे हैं केरल ने सब सम्मत प्रस्ताव पारित कर विरोध केस वालों को धार देने की कोशिश की है केरल के मुख्यमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री से भी पत्र लिखकर समर्थन मांगा था


Body:नागरिकता संशोधन अधिनियम पर केरल को नहीं मिला बिहार का साथ
नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कुछ राज्य अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं वाम दलों के शासन वाला राज्य केरल लीडर की भूमिका में दिख रहा है केरल ने सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित कर अपने राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू नहीं करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है केरल ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर भी समर्थन मांगा है बिहार के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है लेकिन जेडीयू ने केरल के प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया है


Conclusion:केंद्र द्वारा बनाए कानून को राज्य मानने के लिए बाध्य

नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर राजद लगातार मुखालफत कर रही है पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भाजपा के तरीकों पर सवाल खड़े कर रहे हैं किरण ने जिस तरीके से प्रस्ताव पारित कर विरोध जताया है उसे लेकर शिवानंद तिवारी ने कहा है कि किरण ने अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया है केंद्र सरकार को चाहिए कि राज्यों से बात कर सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए शिवानंद तिवारी ने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री जनता को धमकी दे रहे हैं और बदले की कार्रवाई की जा रही है लोकतंत्र में यह जायज नहीं है ।
भाजपा ने बिल का पुरजोर समर्थन किया है पार्टी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि संघीय ढांचे में केंद्र के जो विषय होते हैं उस पर केंद्र सरकार कानून बनाती है और राज्यों को मानना अनिवार्य होता है ।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि हमारी पार्टी ने बिल का समर्थन किया है और हम नागरिकता संशोधन अधिनियम के पक्ष में हैं केरल की सरकार ने भले ही पत्र लिखा है लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है लेकिन केंद्र सरकार से भी मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि अगर राजनीतिक पार्टियों या फिर कुछ सरकारें अगर किसी बिंदु पर आपत्ति जता रही है तो उस पर सहमति बनाने की कोशिश की जानी चाहिए
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