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जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंचे पार्टी कार्यालय , नेताओं ने कहा- पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे ललन सिंह - JDU National President Lalan Singh welcome in patna

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह पहली बार पटना पहुंचे हैं. एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया है. वहीं पार्टी कार्यालय पहुंचे नेताओं ने कहा कि ललन सिंह से पार्टी को काफी उम्मीद है.

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Published : Aug 6, 2021, 6:27 PM IST

पटना: राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह पहली बार जेडीयू कार्यालय (JDU Office) पहुंचे हैं. ललन सिंह (Lalan Singh) के स्वागत को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. जदयू कार्यालय कर्पूरी सभागार में सुबह से हलचल है. लगातार ढोल बज रहे हैं. गुलदस्ता लेकर बड़ी संख्या में पार्टी के नेता कार्यकर्ता पहुंचे हैं. पार्टी नेताओं ने कहा कि ललन सिंह से बहुत उम्मीद है कि पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे.

इसे भी पढ़ें : बैंड बाजे के साथ जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह का पार्टी कार्यालय में स्वागत

जदयू कार्यालय पहुंचने वाले नालंदा, जहानाबाद, सिवान से आए कार्यकर्ताओं ने कहा कि ललन सिंह पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के लिए अच्छा काम किया है. अब एक बार फिर से लंबी लकीर खीचेंगे. कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है की पार्टी में सबको साथ लेकर भी ललन सिंह चलेंगे.

देखें वीडियो

'ललन सिंह को लेकर कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है. वे जिस भूमिका में रहे हैं. उन्होंने हमेशा अच्छा काम किया है. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पार्टी को नई मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसले एकदम सही है.' :- जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री व जदयू नेता

वहीं जदयू में हाल ही में शामिल हुए मनजीत सिंह का भी कहना है कि न केवल बिहार में बल्कि राज्य से बाहर भी ललन सिंह के आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. यूपी चुनाव में भी जदयू का अच्छा प्रदर्शन होगा. वहीं ललन सिंह का पटना एयरपोर्ट से लेकर जदयू कार्यालय पहुंचने तक कई स्थानों पर स्वागत किया गया है. वहीं भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही है.

इसे भी पढ़ें : पटना एयरपोर्ट पर ललन सिंह का जोरदार स्वागत, कहा- यह जोश जरूरी है

बता दें कि आरसीपी सिंह के बाद नीतीश के यदि कोई करीबी हैं तो वह ललन सिंह हैं. इतना ही नहीं, जेडीयू के 18 साल के इतिहास में ललन सिंह पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे. इस फैसले नीतीश की कोशिश सवर्ण वोटरों और खासकर भूमिहार मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की है. राजनीतिक जानकारों की माने तो इसका सीधा असर कहीं न कहीं बीजेपी की रणनीति पर पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सवर्ण खासकर भूमिहार मतदाताओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. यही वजह है कि नीतीश ने अहम रणनीति के तहत अपने सिपहसालार ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी है.

दरअसल, ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं. ललन सिंह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. जब नीतीश ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा था तो उन्होंने पार्टी के समर्पित वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह और केसी त्यागी को दरकिनार कर आरसीपी सिंह को कमान सौंपी थी. उस समय नीतीश ने समाजवाद की जगह जातिवाद को बढ़ावा दिया था.

पटना: राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह पहली बार जेडीयू कार्यालय (JDU Office) पहुंचे हैं. ललन सिंह (Lalan Singh) के स्वागत को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. जदयू कार्यालय कर्पूरी सभागार में सुबह से हलचल है. लगातार ढोल बज रहे हैं. गुलदस्ता लेकर बड़ी संख्या में पार्टी के नेता कार्यकर्ता पहुंचे हैं. पार्टी नेताओं ने कहा कि ललन सिंह से बहुत उम्मीद है कि पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे.

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जदयू कार्यालय पहुंचने वाले नालंदा, जहानाबाद, सिवान से आए कार्यकर्ताओं ने कहा कि ललन सिंह पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के लिए अच्छा काम किया है. अब एक बार फिर से लंबी लकीर खीचेंगे. कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है की पार्टी में सबको साथ लेकर भी ललन सिंह चलेंगे.

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'ललन सिंह को लेकर कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है. वे जिस भूमिका में रहे हैं. उन्होंने हमेशा अच्छा काम किया है. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पार्टी को नई मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसले एकदम सही है.' :- जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री व जदयू नेता

वहीं जदयू में हाल ही में शामिल हुए मनजीत सिंह का भी कहना है कि न केवल बिहार में बल्कि राज्य से बाहर भी ललन सिंह के आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. यूपी चुनाव में भी जदयू का अच्छा प्रदर्शन होगा. वहीं ललन सिंह का पटना एयरपोर्ट से लेकर जदयू कार्यालय पहुंचने तक कई स्थानों पर स्वागत किया गया है. वहीं भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही है.

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बता दें कि आरसीपी सिंह के बाद नीतीश के यदि कोई करीबी हैं तो वह ललन सिंह हैं. इतना ही नहीं, जेडीयू के 18 साल के इतिहास में ललन सिंह पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे. इस फैसले नीतीश की कोशिश सवर्ण वोटरों और खासकर भूमिहार मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की है. राजनीतिक जानकारों की माने तो इसका सीधा असर कहीं न कहीं बीजेपी की रणनीति पर पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सवर्ण खासकर भूमिहार मतदाताओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. यही वजह है कि नीतीश ने अहम रणनीति के तहत अपने सिपहसालार ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी है.

दरअसल, ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं. ललन सिंह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. जब नीतीश ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा था तो उन्होंने पार्टी के समर्पित वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह और केसी त्यागी को दरकिनार कर आरसीपी सिंह को कमान सौंपी थी. उस समय नीतीश ने समाजवाद की जगह जातिवाद को बढ़ावा दिया था.

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