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जातीय जनगणना: JDU सांसदों ने ललन सिंह के साथ गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात - अमित शाह से मिले जेडीयू सांसद

जेडीयू (JDU) सांसदों ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. इस दौरान सभी ने गृहमंत्री से जाति आधारित जनगणना (Caste Census) की मांग की. पढ़ें रिपोर्ट..

नई दिल्ली
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Published : Aug 2, 2021, 4:00 PM IST

Updated : Aug 2, 2021, 6:26 PM IST

नई दिल्ली/पटना: जेडीयू (JDU) सांसदों ने जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. जेडीयू ने शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था. इसके अलावा पार्टी ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने से संबंधित कानूनों को लागू करने को लेकर कहा था कि इस मामले में कोई जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- नीतीश ने राष्ट्रहित में बताया जातीय जनगणना, BJP बोली- 'इससे समाज में पैदा होगा विभेद'

दरअसल, बिहार एनडीए (Bihar NDA) में एक बार फिर सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बार जातिगत जनगणना को लेकर बयानबाजी हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जातीय जनगणना को लेकर मुखर दिख रहे हैं. वहीं, बीजेपी (BJP) ने भी अपने इरादे साफ कर दिए है.

ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार के साथ पूरी पार्टी मुखर है. जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitih Kumar) ने बड़ा बयान देते हुए रविवार को कहा था कि ''जातीय जनगणना को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखेंगे और जातीय जनगणना हो, इसको लेकर हम लोग प्रयास करेंगे. हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.''

ये भी पढ़ें- 'जातीय जनगणना' और 'जनसंख्या नियंत्रण' पर NDA में उठने लगी 'चिंगारी', बोली RJD- 'हमारा स्टैंड क्लियर है'

बता दें कि बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) से सर्वसम्मत प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा जा चुका है, लेकिन जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में कहा है कि जातिगत जनगणना वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है. सिर्फ एससी और एसटी की जनगणना कराई जा सकती है.

भारत में पहली बार जातिगत जनगणना 1831 में कराई गई थी. उसके बाद 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी. 1930 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण का प्रतिशत तय किया गया था. 2011 में जब जनगणना कराई जा रही थी, तब भी जोर शोर से राजनीतिक दलों ने जातिगत आधार पर जनगणना की वकालत की थी, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं हो पाई.

ये भी पढ़ें- 'जातीय जनगणना से समाज में शुरू हो जाएगा विवाद, विपक्ष बताए इसके फायदे'

ये भी पढ़ें- Caste Census Politics: जाति आधारित जनगणना पर बोले मांझी- जनसंख्या के अनुसार हिस्सा चाहिए

नई दिल्ली/पटना: जेडीयू (JDU) सांसदों ने जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. जेडीयू ने शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था. इसके अलावा पार्टी ने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने से संबंधित कानूनों को लागू करने को लेकर कहा था कि इस मामले में कोई जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए.

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दरअसल, बिहार एनडीए (Bihar NDA) में एक बार फिर सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बार जातिगत जनगणना को लेकर बयानबाजी हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जातीय जनगणना को लेकर मुखर दिख रहे हैं. वहीं, बीजेपी (BJP) ने भी अपने इरादे साफ कर दिए है.

ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

जातीय जनगणना पर नीतीश कुमार के साथ पूरी पार्टी मुखर है. जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitih Kumar) ने बड़ा बयान देते हुए रविवार को कहा था कि ''जातीय जनगणना को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखेंगे और जातीय जनगणना हो, इसको लेकर हम लोग प्रयास करेंगे. हम लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए.''

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बता दें कि बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) से सर्वसम्मत प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा जा चुका है, लेकिन जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में कहा है कि जातिगत जनगणना वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है. सिर्फ एससी और एसटी की जनगणना कराई जा सकती है.

भारत में पहली बार जातिगत जनगणना 1831 में कराई गई थी. उसके बाद 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी. 1930 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण का प्रतिशत तय किया गया था. 2011 में जब जनगणना कराई जा रही थी, तब भी जोर शोर से राजनीतिक दलों ने जातिगत आधार पर जनगणना की वकालत की थी, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं हो पाई.

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Last Updated : Aug 2, 2021, 6:26 PM IST
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