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LJP पर JDU की चुप्पी क्यों जरूरी, कहीं BJP तो नहीं नीतीश की मजबूरी?

नीतीश कुमार के इशारे पर जदयू के लोग लोजपा पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन जीतन राम मांझी को अपने साथ लाकर नीतीश ने लोजपा की राह जरूर कठिन कर दी है. देखिये खास रिपोर्ट...

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Sep 11, 2020, 8:03 AM IST

Updated : Sep 11, 2020, 10:31 AM IST

पटनाः एनडीए में जदयू और लोजपा के बीच काफी समय से खटास है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सरकार के कामकाज और सीएम के फैसलों पर ही सवाल खड़े करते रहे हैं. अभी हाल में विज्ञापन निकालकर भी नीतीश कुमार को एक तरह से चुनौती दी थी. यही नहीं महादलित मामले में नीतीश कुमार के फैसलों पर भी पत्र लिखकर सवाल खड़े किए थे. इसके बावजूद जदयू की तरफ से बिहार में कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है.

नीतीश के कहने पर खामोश हैं नेता
एनडीए के दोनों दलों के बीच चल रही तकरार पर दिल्ली में केसी त्यागी ने जरूर बयान दिया है. लेकिन बिहार जदयू का कोई भी नेता मंत्री और यहां तक कि प्रवक्ता तक बोलने को तैयार नहीं है. पूरे मामले में नीतीश कुमार के इशारे पर पार्टी ने फिलहाल चुप्पी साध ली है. लेकिन जीतन राम मांझी को अपने साथ लाकर नीतीश कुमार ने लोजपा के लिए राह कठिन कर दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लोजपा पर जदयू की चुप्पी का मतलब
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा लगातार अधिक सीट का दावा करती रही है. चिराग पासवान लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी सीट चाहते हैं. लेकिन नीतीश कुमार इसके लिए तैयार नहीं हैं. बिहार जदयू के नेता भले ही कुछ ना बोल रहे हों, लेकिन नीतीश कुमार ने पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी के बयान 'लोजपा के साथ जदयू का कभी तालमेल नहीं रहा' से साफ मैसेज देने की कोशिश की है.

इसके साथ ही नीतीश ने जीतन राम मांझी को अपने साथ जोड़ कर लोजपा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. जीतन राम मांझी और उनके पार्टी के लोग नीतीश कुमार की लगातार तारीफ कर रहे हैं और लोजपा पर हमला भी. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि लोजपा बिना बीजेपी के शह के नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकती है.

डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ

वहीं, एनडीए के अन्य घटक दलों ने जदयू और लोजपा के बीच छिड़ी जंग पर अलग-अलग बयान दिया है और नीतीश कुमार के कसीदे भी पढ़ते नजर आ रहे हैं.

'नीतीश कुमार के सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे. नीतीश कुमार ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला है'. दानिश रिजवान, प्रवक्ता हम

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

'एनडीए में सब कुछ समय पर ठीक हो जाएगा. कहीं कोई परेशानी नहीं है, एनडीए के चारों दल बीजेपी, जेडीयू, लोजपा, और मांझी भी मजबूती से जनता के बीच जाएंगे'. प्रेम कुमार, मंत्री बीजेपी

प्रेम कुमार, कृषि मंत्री
प्रेम कुमार, कृषि मंत्री

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि नीतीश कुमार लोजपा को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. चिराग पासवान को एनडीए में कोई सम्मान नहीं मिल रहा है. जदयू लोजपा के चिराग को बुझाने की कोशिश में लगा है.

मृत्युंजय तिवारी , आरजेडी प्रवक्ता
मृत्युंजय तिवारी , आरजेडी प्रवक्ता

क्या एनडीए में चलेगा नीतीश का सिक्का?
नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के हमलों के बाद पार्टी नेताओं को कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. उपेंद्र कुशवाहा के लिए नीतीश कुमार ने एनडीए में ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि उन्हें एनडीए से बाहर निकलना पड़ा. अब नीतीश लोजपा के लिए भी उसी तरह की स्थिति पैदा कर रहे हैं. लेकिन लोजपा को बीजेपी का साथ मिल रहा है.

यही वजह है कि नीतीश चाहकर भी लोजपा को उपेंद्र कुशवाहा की तरह एनडीए से बाहर निकाल पाएंगे, मुश्किल है. लेकिन मांझी को लाकर लोजपा की राह कठिन जरूर कर दी है. ऐसे आने वाले दिनों में जब सीट का बंटवारा होगा, तब देखना है कि नीतीश का सिक्का चलता है या फिर लोजपा बीजेपी के सहारे अपनी मांग मनवाती है.

पटनाः एनडीए में जदयू और लोजपा के बीच काफी समय से खटास है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सरकार के कामकाज और सीएम के फैसलों पर ही सवाल खड़े करते रहे हैं. अभी हाल में विज्ञापन निकालकर भी नीतीश कुमार को एक तरह से चुनौती दी थी. यही नहीं महादलित मामले में नीतीश कुमार के फैसलों पर भी पत्र लिखकर सवाल खड़े किए थे. इसके बावजूद जदयू की तरफ से बिहार में कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है.

नीतीश के कहने पर खामोश हैं नेता
एनडीए के दोनों दलों के बीच चल रही तकरार पर दिल्ली में केसी त्यागी ने जरूर बयान दिया है. लेकिन बिहार जदयू का कोई भी नेता मंत्री और यहां तक कि प्रवक्ता तक बोलने को तैयार नहीं है. पूरे मामले में नीतीश कुमार के इशारे पर पार्टी ने फिलहाल चुप्पी साध ली है. लेकिन जीतन राम मांझी को अपने साथ लाकर नीतीश कुमार ने लोजपा के लिए राह कठिन कर दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लोजपा पर जदयू की चुप्पी का मतलब
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा लगातार अधिक सीट का दावा करती रही है. चिराग पासवान लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी सीट चाहते हैं. लेकिन नीतीश कुमार इसके लिए तैयार नहीं हैं. बिहार जदयू के नेता भले ही कुछ ना बोल रहे हों, लेकिन नीतीश कुमार ने पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी के बयान 'लोजपा के साथ जदयू का कभी तालमेल नहीं रहा' से साफ मैसेज देने की कोशिश की है.

इसके साथ ही नीतीश ने जीतन राम मांझी को अपने साथ जोड़ कर लोजपा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. जीतन राम मांझी और उनके पार्टी के लोग नीतीश कुमार की लगातार तारीफ कर रहे हैं और लोजपा पर हमला भी. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि लोजपा बिना बीजेपी के शह के नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकती है.

डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ

वहीं, एनडीए के अन्य घटक दलों ने जदयू और लोजपा के बीच छिड़ी जंग पर अलग-अलग बयान दिया है और नीतीश कुमार के कसीदे भी पढ़ते नजर आ रहे हैं.

'नीतीश कुमार के सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे. नीतीश कुमार ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला है'. दानिश रिजवान, प्रवक्ता हम

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

'एनडीए में सब कुछ समय पर ठीक हो जाएगा. कहीं कोई परेशानी नहीं है, एनडीए के चारों दल बीजेपी, जेडीयू, लोजपा, और मांझी भी मजबूती से जनता के बीच जाएंगे'. प्रेम कुमार, मंत्री बीजेपी

प्रेम कुमार, कृषि मंत्री
प्रेम कुमार, कृषि मंत्री

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि नीतीश कुमार लोजपा को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. चिराग पासवान को एनडीए में कोई सम्मान नहीं मिल रहा है. जदयू लोजपा के चिराग को बुझाने की कोशिश में लगा है.

मृत्युंजय तिवारी , आरजेडी प्रवक्ता
मृत्युंजय तिवारी , आरजेडी प्रवक्ता

क्या एनडीए में चलेगा नीतीश का सिक्का?
नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के हमलों के बाद पार्टी नेताओं को कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. उपेंद्र कुशवाहा के लिए नीतीश कुमार ने एनडीए में ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि उन्हें एनडीए से बाहर निकलना पड़ा. अब नीतीश लोजपा के लिए भी उसी तरह की स्थिति पैदा कर रहे हैं. लेकिन लोजपा को बीजेपी का साथ मिल रहा है.

यही वजह है कि नीतीश चाहकर भी लोजपा को उपेंद्र कुशवाहा की तरह एनडीए से बाहर निकाल पाएंगे, मुश्किल है. लेकिन मांझी को लाकर लोजपा की राह कठिन जरूर कर दी है. ऐसे आने वाले दिनों में जब सीट का बंटवारा होगा, तब देखना है कि नीतीश का सिक्का चलता है या फिर लोजपा बीजेपी के सहारे अपनी मांग मनवाती है.

Last Updated : Sep 11, 2020, 10:31 AM IST
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