पटनाः जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सीएम कहते हैं कि उन्होंने मुझे जेडीयू में लाकर बहुत इज्जत दी है लेकिन सच तो ये है कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर उन्होंने मुझे झुनझुना थमा दिया है. कुशवाहा ने कहा कि मुझे तो पार्लियामेंट्री बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त नहीं किया गया है. उम्मीदवार के चयन में मेरी भूमिका हो सकती थी लेकिन वह भी नहीं मिली.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैंने जरूर कई सुझाव दिए लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया. यदि गलत हो तो राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह खंडन कर सकते हैं. मैंने सुझाव दिया कि अति पिछड़ा समाज से राज्यसभा या विधान परिषद भेज दें, जिससे इस वर्ग में मैसेज जाए लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई.
'मुख्यमंत्री नीतीश जी को अभी भी हम अगाध प्रेम करते हैं. हम हमेशा उनका आदर करते है लेकिन आजकल मुख्यमंत्री जी अपनी इच्छा से कोई काम नहीं कर रहे हैं. एनडीए से अलग होने का फैसला भी दूसरे के कहने पर लिया गया. 2 फरवरी को जगदेव प्रसाद की जयंती का आयोजन महात्मा फुले परिषद के द्वारा किया जाएगा. साथ ही मैं बक्सर से पटना लौटते समय हुए हमले को लेकर डीजीपी और मुख्य सचिव से जांच कराने की मांग करता हूं, क्योंकि नीचे के अधिकारी लीपापोती करना चाहते हैं"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड
आरा में हुआ था कुशवाहा की गाड़ी पर पथरावः बता दें कि सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा बक्सर में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर पटना वापस लौट रहे थे. इस बीच जगदीशपुर के नयका टोला मोड़ के पास उनकी गाड़ी पर पथराव हो गया. बक्सर में कुशवाहा ने पार्टी के अंदर उनके खिलाफ बोलने वालों पर हमला बोला था. वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने उनपर हुए हमले को गलत करार देते हुए पूरे मामले की जांच की बात कही है.
पार्टी नेतृत्व से कर रहे हैं ये मांगः उपेंद्र कुशवाहा लगातार पार्टी नेतृत्व से जानना चाह रहे हैं कि आखिर आरजेडी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाते समय क्या डील हुई थी. विशेषकर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जिस प्रकार से चर्चा होती रही है और आरजेडी के नेता तेजस्वी को सीएम बनाने की बात करते रहे हैं, उस पर उपेंद्र कुशवाहा पार्टी नेतृत्व से पूरी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं.