पटना: रिया चक्रवर्ती को विष कन्या बताने के बयान को लेकर जदयू के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि सुशांत मामले में मुंबई पुलिस ने संघीय ढांचे को तार-तार कर दिया था. उन्होंने पूरे मामले को जनता के सामने बेहतर ढंग से लाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद भी दिया.
जदयू नेता ने कहा कि बिहार सरकार ने केस की सीबीआई जांच की पैरवी कर दी है. अब इस केस की जांच सीबीआई करेगी. जल्द ही पूरे रहस्य से पर्दा हटेगा.
वहीं, जांच के दौरान मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के गतिरोध पर राजनीति मामले के जानकार डीएम दिवाकर ने कहा कि यदि दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर पहले बातचीत कर लेते तो, वर्तमान में यह नतीजा देखने को नहीं मिलता. अब केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. सीबीआई बड़ी एजेंसी है लेकिन उनके पास पहले से ही कई मामले पेंडिग पड़े हुए हैं.
'जांच के बाद रहस्य से उठेगा पर्दा'
जदयू मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि सुशांत मामले में जिस तरह से मुंबई पुलिस का रवैया रहा, वह निंदनीय है. महाराष्ट्र सरकार ने बिहार के पुलिस अधिकारी को भी क्वरंटीन कर दिया. जांच में मुंबई पुलिस ने सहयोग नहीं दिया. उन्होंने इस पूरे मामले में महाराष्ट्र सरकार को जमकर खड़ी-खोटी भी सुनाई. जदयू मंत्री ने कहा कि वहां की सरकार ने जांच में बिहार पुलिस का मदद करने के बजाय बिहार के आईपीएस अधिकारी को भी क्वरंटीन कर दिया गया. जिससे संघीय ढ़ांचा तार-तार हो गया था. पूरे मामले को मीडिया ने बेहतर तरीके से हाईलाइट किया. इसके लिए उन्होंने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी दिया.
'सीबीआई के पास पहले से कई केस पेंडिंग'
वहीं, राजनीतिक मामले के जानकार प्रो. डीएम दिवाकर ने कहा कि सुशांत केस में जिस तरह से मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस के बीच काफी गतिरोध देखने को मिला. उन्होंने बताया कि अगर दोनों प्रदेश के सीएम आपस में पहले बातचीत कर लेते तो, वर्तमान में यह नौबत ही नहीं आती. सीबीआई को केस सौंपे जाने पर उन्होनें कहा की सीबीआई एक बड़ी जांच एजेंसी है. सीबीआई के पास पहले से ही कई बड़े केस पेंडिग पड़े हुए हैं. अब तक अधिकांश मामले में क्या कार्रवाई हुई वह किसी से छिपी हुई नहीं है.
इन केस की पहले से जांच कर रही सीबीआई
गौरतलब है कि सीबीआई के पास पहले से ही बिहार के कई चर्चीत मामले पेंडिग पड़े हुए हैं. इसके अलावे सीबीआई ने ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड से लेकर सृजन घोटाला और ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड की भी जांच की थी. सीबीआई से केस की जांच होने के बावजूद इस केस में उनके परिजन संतुष्ट नहीं हुए थे. इसके अलावे भी कई मामले हैं जिसकी जांच को लेकर सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं. सुशांत मामले की जांच अब सीबीआई को सौंपी गई है. अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि इस केस में सीबीआई किसी निष्कर्ष तक पहुंच पाएगी या फिर जांच की फाइलों पर राजनीतिक धूल की पड़ते यूं ही जमी रहेगी.