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'BJP-LJP के गुप्त गठजोड़ से हारे JDU उम्मीदवार, पता ही नहीं चला कौन दोस्त है और कौन दुश्मन' - JDU candidate does not get vote

जदयू में मंथन का दौर जारी है. पार्टी हार के कारणों की तलाश करने में जुटी है. जदयू नेता ने कहा गठबंधन में हुए भीतरघात के कारण पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान हुआ.

जदयू की बैठक
जदयू
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Published : Jan 10, 2021, 9:29 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. जेडीयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में हुई बैठक तमाम नेताओं को आमंत्रित किया गया था. बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब परफॉर्मेंस पर मंथन किया गया.

बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री व जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे में देरी की वजह से उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट का वितरण चुनावों से पांच महीने पहले किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका परिणाम यह हुआ कि जेडीयू को इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी.

नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री बनने के पक्ष में नहीं था, लेकिन भाजपा और मेरी पार्टी के दबाव के कारण मैं मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के लिए सहमत हुआ.'

उन्होंने कहा कि हमने जहां भी लोगों से वोट करने के लिए कहा, वहां पर लोगों ने हमारे पक्ष में वोट किया, हमारी तरफ से कोई भ्रम नहीं था, लेकिन मेरे और मेरी पार्टी के खिलाफ गलत प्रचार किया गया.

जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि हम यह अनुमान लगाने में विफल रहे कि हमारे दोस्त कौन थे और कौन नहीं थे और किस पर हमें भरोसा करना चाहिए था. चुनाव प्रचार के बाद, हम समझ गए कि चीजें हमारे लिए अनुकूल नहीं थीं, लेकिन उस समय तक बहुत देर हो चुकी थी.

भाजपा-लोजपा गठजोड़ पर हमला
वहीं, जेडीयू के के पूर्व विधायक बोगो सिंह ने भाजपा-लोजपा गठजोड़ को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'हमारे ज्यादातर उम्मीदवार भाजपा-लोजपा गठजोड़ की वजह से हारे हैं. भाजपा के लोगों ने जदयू के उम्मीदवार को वोट नहीं किया. मैं भी उसी वजह से चुनाव हारा हूं.'

जेडीयू नेता पूनम यादव ने कहा कि जेडीयू के अंदर भी गुटबाजी थी. जिसकी वजह से हम लोग चुनाव हारे हैं.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. जेडीयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में हुई बैठक तमाम नेताओं को आमंत्रित किया गया था. बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब परफॉर्मेंस पर मंथन किया गया.

बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री व जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे में देरी की वजह से उनकी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट का वितरण चुनावों से पांच महीने पहले किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका परिणाम यह हुआ कि जेडीयू को इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी.

नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री बनने के पक्ष में नहीं था, लेकिन भाजपा और मेरी पार्टी के दबाव के कारण मैं मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के लिए सहमत हुआ.'

उन्होंने कहा कि हमने जहां भी लोगों से वोट करने के लिए कहा, वहां पर लोगों ने हमारे पक्ष में वोट किया, हमारी तरफ से कोई भ्रम नहीं था, लेकिन मेरे और मेरी पार्टी के खिलाफ गलत प्रचार किया गया.

जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि हम यह अनुमान लगाने में विफल रहे कि हमारे दोस्त कौन थे और कौन नहीं थे और किस पर हमें भरोसा करना चाहिए था. चुनाव प्रचार के बाद, हम समझ गए कि चीजें हमारे लिए अनुकूल नहीं थीं, लेकिन उस समय तक बहुत देर हो चुकी थी.

भाजपा-लोजपा गठजोड़ पर हमला
वहीं, जेडीयू के के पूर्व विधायक बोगो सिंह ने भाजपा-लोजपा गठजोड़ को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'हमारे ज्यादातर उम्मीदवार भाजपा-लोजपा गठजोड़ की वजह से हारे हैं. भाजपा के लोगों ने जदयू के उम्मीदवार को वोट नहीं किया. मैं भी उसी वजह से चुनाव हारा हूं.'

जेडीयू नेता पूनम यादव ने कहा कि जेडीयू के अंदर भी गुटबाजी थी. जिसकी वजह से हम लोग चुनाव हारे हैं.

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