पटना: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल बनाकर भेज दिया गया है. अब यहां उनके पद पर गोवा के रहने वाले राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है. इस पर जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन (JDU leader Rajeev Ranjan) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी परंपरा को ताक पर रखकर राज्यपालों की नियुक्ति करती रही है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी है कि नए राज्यपाल के साथ सरकार के बेहतर संबंध रहेंगे.
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2019 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए थे फागू चौहान: बिहार के राज्यपाल के पद पर फागू चौहान की नियुक्ति 20 जुलाई 2019 को हुई थी. तीन साल से अधिक समय तक वह बिहार के राज्यपाल रहे. अब वह मेघालय के राज्यपाल बनाए गए हैं. बिहार के नए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर हिमाचल के राज्यपाल रह चुके हैं. इससे पहले वह गोवा के वन और पर्यावरण और पंचायती राज मंत्री भी रहे हैं. बिहार के नए राज्यपाल की नियुक्ति पर जदयू के तरफ से प्रतिक्रिया भी दी गई है.
भाजपा पर लगाये आरोपः जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी अपने पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं या फिर ऐसे अफसर शाह या न्यायपालिका से जुड़े हुए लोगों को राज्यपाल बनाती है जो केंद्र सरकार को कहीं न कहीं मदद पहुंचाते रहे हैं. नए राज्यपाल से उम्मीद है कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच बेहतर संबंध स्थापित होगा. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी राज्यपालों की नियुक्ति परंपरा को ताक पर रखकर कर रही है.
"बीजेपी राज्यपालों की नियुक्ति परंपरा को ताक पर रखकर कर रही है. बीजेपी अपने पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं या फिर ऐसे अफसर शाह या न्यायपालिका से जुड़े हुए लोगों को राज्यपाल बनाती है जो केंद्र सरकार को कहीं न कहीं मदद पहुंचाते रहे हैं"- राजीव रंजन, वरिष्ठ नेता जदयू
मगध विवि के कुलपति मामले में चर्चा में रहे थे फागू चौहान: राज्यपाल फागू चौहान साढ़े 3 साल से अधिक बिहार के राज्यपाल रहे. इस दौरान कई बार चर्चा में भी आए खासकर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति मामले को लेकर कार्रवाई नहीं करने के कारण चर्चा में रहे. वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राज्यपाल फागू चौहान के संबंध बेहतर रहे हैं. अब वह मेघालय चले गए हैं और यहां नए राज्यपाल के रूप में राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर आए हैं. अब देखना यह है कि नए राज्यपाल के आने के बाद राज्य सरकार और राजभवन के बीच कैसा संबंध रहता है.