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पटना एम्स में गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था केंद्र सरकार ने रोकी: रणबीर नंदन

बिहार में भाजपा-जदयू के बीच लगातार आरोप प्रत्यारोप जारी है. इसी बीच जदयू ने भाजपा सरकार पर पटना एम्स में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं देने का आरोप लगाया है. जदयू ने कहा कि पटना में एम्स स्थापना के एक दशक बाद होने के बाद भी यहां के लोगों को दिल्ली का सफर करना पड़ रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

प्रो. रणबीर नंदन
प्रो. रणबीर नंदन
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Published : Nov 8, 2022, 11:05 PM IST

पटना: जदयू ने बीजेपी के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी के प्रवक्ता पूर्व एमएलसी प्रोफेसर रणवीर नंदन (JDU Leader Prof Ranveer Nandan Attack On BJP)ने कहा कि केंद्र सरकार पटना एम्स में बेहतर इलाज नहीं होने देना चाहती है. मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए प्रोफेसर रणवीर नंदन ने कहा कि एम्स पटना की स्थापना 10 साल पहले 2012 में हुई थी. लेकिन अभी तक किडनी, हार्ट ट्रांसप्लांट का यूनिट स्थापित नहीं हुआ है. कई क्रॉनिक बीमारियों का इलाज अभी भी एम्स पटना में नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बिहार दूसरी बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए कोई कदम नहीं बढ़ाया.

ये भी पढ़ें-पटना AIIMS में स्लीपिंग डिसऑर्डर का इलाज, स्लीपिंग लैब में ट्रीटमेंट के लिए लोगों की उमड़ी भीड़

डॉक्टरों के बिना विभाग बेकारः एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना तो कर दी गई, लेकिन आज भी डॉक्टरों के बिना कई विभाग बेकार पड़े हुए हैं. इससे तो यही स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार ने पटना एम्स में गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था रोक रखी है. एम्स में डॉक्टरों की ट्रांसफर नीति पर सवाल उठाते हुए प्रो. नंदन ने कहा कि बिना डॉक्टरों के बड़े भवन बनाने से तो कुछ नहीं होने वाला.

जरूरी डॉक्टरों की पोस्टिंग होः एम्स में एक ट्रांसफर नीति बनानी होगी जिसमें क्रॉनिक बीमारियों के इलाज के लिए दूसरे एम्स के डॉक्टरों को प्रतिनियुक्ति पर वहां भेजा जा सके, जहां जरुरी है. एम्स पटना में होने के बाद भी लोगों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अगर दिल्ली एम्स ही जाना पड़े तो पूरा लाभ जनता को कहां मिला? इस पर केंद्र सरकार को सोचना होगा.

ये भी पढ़ें-अग्निपथ स्कीम पर पुनर्विचार करे केंद्र सरकार- रणबीर नंदन

पटना: जदयू ने बीजेपी के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी के प्रवक्ता पूर्व एमएलसी प्रोफेसर रणवीर नंदन (JDU Leader Prof Ranveer Nandan Attack On BJP)ने कहा कि केंद्र सरकार पटना एम्स में बेहतर इलाज नहीं होने देना चाहती है. मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए प्रोफेसर रणवीर नंदन ने कहा कि एम्स पटना की स्थापना 10 साल पहले 2012 में हुई थी. लेकिन अभी तक किडनी, हार्ट ट्रांसप्लांट का यूनिट स्थापित नहीं हुआ है. कई क्रॉनिक बीमारियों का इलाज अभी भी एम्स पटना में नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बिहार दूसरी बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए कोई कदम नहीं बढ़ाया.

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डॉक्टरों के बिना विभाग बेकारः एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना तो कर दी गई, लेकिन आज भी डॉक्टरों के बिना कई विभाग बेकार पड़े हुए हैं. इससे तो यही स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार ने पटना एम्स में गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था रोक रखी है. एम्स में डॉक्टरों की ट्रांसफर नीति पर सवाल उठाते हुए प्रो. नंदन ने कहा कि बिना डॉक्टरों के बड़े भवन बनाने से तो कुछ नहीं होने वाला.

जरूरी डॉक्टरों की पोस्टिंग होः एम्स में एक ट्रांसफर नीति बनानी होगी जिसमें क्रॉनिक बीमारियों के इलाज के लिए दूसरे एम्स के डॉक्टरों को प्रतिनियुक्ति पर वहां भेजा जा सके, जहां जरुरी है. एम्स पटना में होने के बाद भी लोगों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अगर दिल्ली एम्स ही जाना पड़े तो पूरा लाभ जनता को कहां मिला? इस पर केंद्र सरकार को सोचना होगा.

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