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JDU प्रवक्ता पवन वर्मा ने CAA और NRC को बताया असंवैधानिक, कहा- सामाजिक शांति के लिए है खतरा

असम का उदाहरण देते हुए पवन वर्मा ने कहा कि वहां 3 करोड़ लोगों के लिए एनआरसी हुआ, जिसके लिए 10 साल प्रैक्टिस की गई. लेकिन, जब लिस्ट सामने आया तो उसमें 19 लाख लोगों का लिस्ट में नाम नहीं मिला. जिसमें 14 लाख हिंदू थे. पवन वर्मा ने कहा कि असम में वहां की बीजेपी सरकार ने भी एनआरसी को नहीं माना.

पवन वर्मा
पवन वर्मा
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Published : Jan 22, 2020, 7:59 AM IST

पटना: राजधानी के बीआईए सभागार में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रासंगिकता के विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ. इस मौके पर जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा मौजूद रहे. सभा को संबोधित करते हुए पवन वर्मा ने कार्यक्रम से संबंधित बातों के साख-साथ सीएए और एनआरसी पर भी बयान दिया.

पवन वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि सीएए और एनआरसी असंवैधानिक है, हालांकि ये मामला कोर्ट में है. उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि सीएए असंवैधानिक होने के साथ-साथ अलोकतांत्रिक और देश के सामाजिक शांति और भाईचारा के खिलाफ है.

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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की तस्वीर

जेडीयू नेता ने कहा कि सीएए और एनआरसी को अलग-अलग देखने की जरूरत नहीं है, बल्कि दोनों को एक साथ देखने की जरूरत है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. जेडीयू ने सीएए पर केंद्र सरकार के पक्ष में मतदान किया था. लेकिन, पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ बोल रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा कि था कि अगर मैं राज्यसभा सांसद होता तो, मैं सीएए पर पार्टी लाइन के खिलाफ मतदान करता.

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कार्यक्रम में मौजूद लोग

NRC पर असम का हाल
असम का उदाहरण देते हुए पवन वर्मा ने कहा कि वहां 3 करोड़ लोगों के लिए एनआरसी हुआ, जिसके लिए 10 साल प्रैक्टिस की गई. लेकिन, जब लिस्ट सामने आया तो उसमें 19 लाख लोगों का लिस्ट में नाम नहीं मिला. जिसमें 14 लाख हिंदू थे. पवन वर्मा ने कहा कि असम में वहां की बीजेपी सरकार ने भी एनआरसी को नहीं माना. उन्होंने कहा कि एनआरसी से गरीबों को परेशानी होगी और सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद होगा.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की सादगी अनोखी'
बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ. जिसके बाद पवन वर्मा ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की सादगी सबसे अनोखी थी. वह धर्मनिरपेक्ष सोच के व्यक्ति थे और बातचीत में यकीन रखते थे.

पटना: राजधानी के बीआईए सभागार में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रासंगिकता के विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ. इस मौके पर जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा मौजूद रहे. सभा को संबोधित करते हुए पवन वर्मा ने कार्यक्रम से संबंधित बातों के साख-साथ सीएए और एनआरसी पर भी बयान दिया.

पवन वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि सीएए और एनआरसी असंवैधानिक है, हालांकि ये मामला कोर्ट में है. उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि सीएए असंवैधानिक होने के साथ-साथ अलोकतांत्रिक और देश के सामाजिक शांति और भाईचारा के खिलाफ है.

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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की तस्वीर

जेडीयू नेता ने कहा कि सीएए और एनआरसी को अलग-अलग देखने की जरूरत नहीं है, बल्कि दोनों को एक साथ देखने की जरूरत है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. जेडीयू ने सीएए पर केंद्र सरकार के पक्ष में मतदान किया था. लेकिन, पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ बोल रहे हैं. बीते दिनों उन्होंने कहा कि था कि अगर मैं राज्यसभा सांसद होता तो, मैं सीएए पर पार्टी लाइन के खिलाफ मतदान करता.

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कार्यक्रम में मौजूद लोग

NRC पर असम का हाल
असम का उदाहरण देते हुए पवन वर्मा ने कहा कि वहां 3 करोड़ लोगों के लिए एनआरसी हुआ, जिसके लिए 10 साल प्रैक्टिस की गई. लेकिन, जब लिस्ट सामने आया तो उसमें 19 लाख लोगों का लिस्ट में नाम नहीं मिला. जिसमें 14 लाख हिंदू थे. पवन वर्मा ने कहा कि असम में वहां की बीजेपी सरकार ने भी एनआरसी को नहीं माना. उन्होंने कहा कि एनआरसी से गरीबों को परेशानी होगी और सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद होगा.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की सादगी अनोखी'
बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ. जिसके बाद पवन वर्मा ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की सादगी सबसे अनोखी थी. वह धर्मनिरपेक्ष सोच के व्यक्ति थे और बातचीत में यकीन रखते थे.

Intro:राजधानी पटना के बीआईए सभागार में आज के दौर में प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रासंगिकता के विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद हुआ भूतपूर्व एंबेस्डर पवन वर्मा मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ.


Body:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की सादगी सबसे अनोखी थी. वह धर्मनिरपेक्ष सोच के व्यक्ति थे और बातचीत में यकीन रखते थे. पवन वर्मा ने कहा कि वकालत की अच्छी प्रैक्टिस छोड़कर उन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग लिया और कई बार वर्षों जेल में रहे. पवन वर्मा ने कहा कि जल्दी कुछ पाने के लिए सब कोई छोटे समय का त्याग करने को तैयार रहता है मगर राजेंद्र प्रसाद और उस समय के स्वतंत्रता आंदोलनकारी जब आंदोलन में उतरे तब वह यह नहीं जानते थे कि कब आजादी मिलेगी और उनका क्या फायदा होगा. उन्होंने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की सादगी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब महात्मा गांधी ने स्वदेशी का आह्वान किया था और अंग्रेजी हुकूमत का बायकॉट किया था तब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने अपने बेटे का बाहर से नाम कटा कर बिहार विद्यापीठ में एडमिशन कराया था. उन्होंने कहा कि आज के समय में जिस प्रकार देश में माहौल चल रहा है उस समय राजेंद्र प्रसाद का जो धर्मनिरपेक्ष सोच था उसकी बहुत जरूरत है.


Conclusion:पवन वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि सीएए और एनआरसी असंवैधानिक है हालांकि यह मामला कोर्ट में है. उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि सी ए ए असंवैधानिक होने के साथ-साथ अलोकतांत्रिक और देश के सामाजिक शांति और भाईचारा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी को अलग-अलग देखने की जरूरत नहीं है बल्कि दोनों को एक साथ देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि असम में 300000 लोगों के लिए एनआरसी हुआ जिसके लिए 10 साल प्रैक्टिस की गई मगर जब लिस्ट सामने हुआ उसमें 19 लाख का लिस्ट में नाम नहीं मिला जिसमें 1400000 हिंदू थे. उन्होंने कहा कि असम में वहां की भाजपा सरकार ने भी एनआरसी को नहीं माना. उन्होंने कहा कि एनआरसी से गरीबों को परेशानी होगी और सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद होगा.
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