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CM आवास के बाहर फफक कर रो पड़े JDU महासचिव, बोले- 'नीतीश जी मुझे मेरी बीवी से बचाइए' - JDU leader ruckus in Patna

CM नीतीश (CM Nitish Kumar) के आवास के बाहर जदयू नेता ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान वे फूट फूटकर रोने लगे और अपनी आप बीती सुनाई. ऐसा क्या हुआ था इनके साथ जानने के लिए आगे पढ़ें..

jDU leader Awadhesh Lal appealed to Nitish Kumar
jDU leader Awadhesh Lal appealed to Nitish Kumar
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Published : May 10, 2022, 3:04 PM IST

Updated : May 10, 2022, 5:43 PM IST

पटना: जदयू के प्रदेश महासचिव अवधेश लाल (JDU Leader Awadhesh Lal) अपने पूरे परिवार संग सीएम नीतीश कुमार के नए आवास 7 सर्कुलर रोड पर मदद की गुहार लगाने पहुंचे. जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अवधेश लाल इस दौरान अपनी समस्या बताते हुए फफक पड़े. दरअसल जदयू नेता सीएम से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहते थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद अवधेश लाल फफक पड़े और घंटों 7 सर्कुलर रोड पर सीएम के नए आवास के बाहर हंगामा (JDU leader ruckus in Patna) करते रहे.

पढ़ें- DMCH लाए गए JAP सुप्रीमो, हाथ जोड़कर बोले पप्पू यादव-'नीतीश जी...मारिए मत'

जदयू नेता ने कहा- 'माओवादी से है पत्नी का कनेक्शन': अवधेश लाल ने कहा है कि मेरा घर दरभंगा के मेकना गांव में पड़ता है. मेरी शादी साल 2006 में पकड़ी गांव में हुई थी. मनोज लाल दास माओवादी संगठन का पूर्व कमांडर रह चुका है, ये जैसा बोलता है वैसा मेरी पत्नी करती है. कई बार मामला कोर्ट थाना पंचायत में गया वहां कंप्रोमाइज कराया गया. 2012 में मनोज लाल ने एक झूठा मुकदमा करवा दिया 498 का. इस मामले में भी कोर्ट से कंप्रोमाइज हुआ था. लेकिन बार-बार मुझे और मेरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश की जा रही है.

"अपनी पत्नी को मैं दरभंगा में अच्छे से रख रहा था. मेरा एक बेटा और एक बेटी है. इनको लेकर भी पत्नी लगातार सवाल करती है. पूछती है बच्चों को कहां रखे हो. बेटा पटना में रहकर पढ़ाई करता है. इस बीच मेरी दादी 17 जनवरी 2022 को गुजर गई. सारे दरभंगा के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक सभी लोग जानते हैं. अचानक 23 तारीख को दिन के लगभग दो बजे 50 से 60 की संख्या में मनोज लाल माओवादियों के साथ आया. मेरे पूरे परिवार को घेर लिया था. इसकी सूचना मैंने स्थानीय थाने को दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई."- अवधेश लाल, प्रदेश महासचिव, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ, जदयू

'पुलिस ने मामले को दबा दिया': साथ ही जदयू नेता ने कहा कि इस मामले की शिकायत डीएसपी से लेकर दरभंगा के एसएसपी से भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऐसे में 24 तारीख को डीजीपी से मिलने का काम किया, तो बताया गया कि कोविड का समय है इसलिए मुलाकात नहीं होगी. हमसे सारी जानकारी फोन पर ले ली गई. इस मामले में थाने को कार्रवाई का निर्देश होने के बावजूद थाने ने मामले को दबा दिया. पुलिस ने कहा कि इसके घर में 50 से 60 माओवादी नहीं थे बल्कि सिर्फ पति पत्नी का मामला है. मुख्यमंत्री सचिवालय से रिपोर्ट भी मामले को लेकर मांगा गया था. आजतक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मनोज लाल का मनोबल बढ़ा हुआ है.

सीएम आवास पर जदयू नेता का हाईवोल्टेज ड्रामा: अवधेश कुमार ने बताया कि इसके बारे में मदन सहनी से बात की, फिर एसपी से बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा यह कहा गया कि थाने ने इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इससे उनकी बदनामी होती कि इतनी बड़ी संख्या में कैसे नक्सली पहुंच गए. सीएम आवास पहुंचे जदयू नेता ने बताया कि सात मई को पत्नी घर से 50 हजार रुपए और अन्य सामान लेकर चली गई. जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई. उसके बाद मनोज लाल देव ने पूरे परिवार के ऊपर एक और झूठा मुकदमा करवा दिया. अपनी समस्याओं को बताते हुए जदयू नेता फूट फूटकर रोते रहे और सीएम नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- दोस्ती, दुश्मनी और अपहरण : 32 साल पहले की 'गलती' में फंस गए पप्पू यादव

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पटना: जदयू के प्रदेश महासचिव अवधेश लाल (JDU Leader Awadhesh Lal) अपने पूरे परिवार संग सीएम नीतीश कुमार के नए आवास 7 सर्कुलर रोड पर मदद की गुहार लगाने पहुंचे. जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अवधेश लाल इस दौरान अपनी समस्या बताते हुए फफक पड़े. दरअसल जदयू नेता सीएम से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहते थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद अवधेश लाल फफक पड़े और घंटों 7 सर्कुलर रोड पर सीएम के नए आवास के बाहर हंगामा (JDU leader ruckus in Patna) करते रहे.

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जदयू नेता ने कहा- 'माओवादी से है पत्नी का कनेक्शन': अवधेश लाल ने कहा है कि मेरा घर दरभंगा के मेकना गांव में पड़ता है. मेरी शादी साल 2006 में पकड़ी गांव में हुई थी. मनोज लाल दास माओवादी संगठन का पूर्व कमांडर रह चुका है, ये जैसा बोलता है वैसा मेरी पत्नी करती है. कई बार मामला कोर्ट थाना पंचायत में गया वहां कंप्रोमाइज कराया गया. 2012 में मनोज लाल ने एक झूठा मुकदमा करवा दिया 498 का. इस मामले में भी कोर्ट से कंप्रोमाइज हुआ था. लेकिन बार-बार मुझे और मेरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश की जा रही है.

"अपनी पत्नी को मैं दरभंगा में अच्छे से रख रहा था. मेरा एक बेटा और एक बेटी है. इनको लेकर भी पत्नी लगातार सवाल करती है. पूछती है बच्चों को कहां रखे हो. बेटा पटना में रहकर पढ़ाई करता है. इस बीच मेरी दादी 17 जनवरी 2022 को गुजर गई. सारे दरभंगा के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक सभी लोग जानते हैं. अचानक 23 तारीख को दिन के लगभग दो बजे 50 से 60 की संख्या में मनोज लाल माओवादियों के साथ आया. मेरे पूरे परिवार को घेर लिया था. इसकी सूचना मैंने स्थानीय थाने को दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई."- अवधेश लाल, प्रदेश महासचिव, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ, जदयू

'पुलिस ने मामले को दबा दिया': साथ ही जदयू नेता ने कहा कि इस मामले की शिकायत डीएसपी से लेकर दरभंगा के एसएसपी से भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ. ऐसे में 24 तारीख को डीजीपी से मिलने का काम किया, तो बताया गया कि कोविड का समय है इसलिए मुलाकात नहीं होगी. हमसे सारी जानकारी फोन पर ले ली गई. इस मामले में थाने को कार्रवाई का निर्देश होने के बावजूद थाने ने मामले को दबा दिया. पुलिस ने कहा कि इसके घर में 50 से 60 माओवादी नहीं थे बल्कि सिर्फ पति पत्नी का मामला है. मुख्यमंत्री सचिवालय से रिपोर्ट भी मामले को लेकर मांगा गया था. आजतक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण मनोज लाल का मनोबल बढ़ा हुआ है.

सीएम आवास पर जदयू नेता का हाईवोल्टेज ड्रामा: अवधेश कुमार ने बताया कि इसके बारे में मदन सहनी से बात की, फिर एसपी से बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा यह कहा गया कि थाने ने इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इससे उनकी बदनामी होती कि इतनी बड़ी संख्या में कैसे नक्सली पहुंच गए. सीएम आवास पहुंचे जदयू नेता ने बताया कि सात मई को पत्नी घर से 50 हजार रुपए और अन्य सामान लेकर चली गई. जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई. उसके बाद मनोज लाल देव ने पूरे परिवार के ऊपर एक और झूठा मुकदमा करवा दिया. अपनी समस्याओं को बताते हुए जदयू नेता फूट फूटकर रोते रहे और सीएम नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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Last Updated : May 10, 2022, 5:43 PM IST
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