पटनाः पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की तड़के सुबह सहरसा जेल से बाहर आ गए. जिसे लेकर उनके समर्थकों में काफी खुशी है. लेकिन इस रिहाई को गलत ठहराने वालों में इसे लेकर काफी नाराजगी है. आनंद मोहन के साथ 26 अन्य लोगों की भी रिहाई भी हुई है, जिसे लेकर सियासत जोरों पर है. वहीं, नीतीश सरकार लगातार रिहाई का विरोध करने वालों के निशाने पर है, कहा जा रहा है कि जातीय समाकरण को साधने के लिए नियम में संशोधन कर ये रिहाई दी गई. इस पर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा का भी बयान सामने आया है.
ये भी पढ़ेंः Anand Mohan Released: DM हत्याकांड में सजायाफ्ता आनंद मोहन रिहा, आज सुबह सहरसा जेल से बाहर निकले
'यह सब कानूनी प्रक्रिया है': जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या होती है और आनंद मोहन पर आरोप लगता है लंबे समय तक केस चलता है और सुप्रीम कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा होती है. आनंद मोहन सजा काटने के बाद कानूनी प्रावधानों के तहत जेल से बाहर आते हैं यह सब कानूनी प्रक्रिया है. हम लोग न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक से जोड़कर देख रहे हैं, ताकि राजनीतिक लाभ हो सके.
"आनंद मोहन का जेल में आचरण अच्छा रहा है और अब रिहाई हो गई है तो उनको आगे के भविष्य के लिए भी हम शुभकामना देते हैं. इस पर बिना मतलब टीका टिप्पणी सही नहीं है. कुछ लोग इसे राजनीतिक से जोड़कर देख रहे हैं, ताकि राजनीतिक लाभ हो सके"- अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू
बीजेपी का सरकार पर निशानाः आपको बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीजेपी नेताओं की तरफ से लगातार सरकार को घेरने की कोशिश हो रही है. सुशील मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री तक सरकार पर निशाना साध रहे हैं. आनंद मोहन को लेकर बीजेपी में एक खेमा सॉफ्ट भी है, लेकिन आनंद मोहन के बहाने बीजेपी नेताओं की ओर से कई दुर्दांत अपराधियों को बाहर निकालने का आरोप सरकार पर लगाया जा रहा है. हालांकि जदयू के तरफ से सरकार का बचाव किया जा रहा है.